पहली बार रायपुर आ रहे संत ललितप्रभ सागर,स्टेडियम में 5 हजार श्रद्धालुओं के बैठने के लिए बन रहा वाटरप्रूफ पंडाल…

चातुर्मास की घड़ी अब नजदीक आ चुकी है। अगले सप्ताह से राजधानी समेत प्रदेशभर में चातुर्मासिक प्रवचन की श्रृंखला शुरू होगी और चार माह तक श्रद्धालु व्रत, पूजा में व्यस्त रहेंगे।
जैन समाज के घर-घर में भक्तिभाव छाएगा। पिछले दो साल से कोरोना काल में सादगी से प्रवचन का आयोजन किया गया था। सीमित लोगों को ही प्रवेश दिया जाता था। इस बार राजधानी में ऐतिहासिक चातुर्मास होने जा रहा है। पहली बार संत ललितप्रभ सागर एवं मुनि डा. शांतिप्रिय महाराज प्रवचन के लिए राजधानी पहुंच रहे हैं। वे जीवन जीने की कला पर आधारित कल्याणकारी प्रवचन देंगे। प्रदेशभर से प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालु पहुंचेंगे इसलिए भव्य तैयारी की जा रही है।
10 जुलाई से प्रवचन
दिव्य चातुर्मास समिति के अध्यक्ष तिलोकचंद बरड़िया, महासचिव पारस पारख एवं प्रशांत तालेड़ा ने बताया कि आउटडोर स्टेडियम परिसर में 10 जुलाई से प्रवचन होगा। इसके लिए पंडाल व्यवस्था समिति एवं अन्य समिति के प्रभारियों की देखरेख में पंडाल निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। लगभग 5000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। बारिश में व्यवधान न हो इसलिए करीब 30 हजार वर्गफीट में वाटरप्रूफ पंडाल तैयार कराया जा रहा है। साथ ही वीआइपी के लिए अलग से व्यवस्था की जा रही है।
कैवल्यधाम से 10 को राजधानी में प्रवेश
दोनों संतगण बुधवार को सुबह दुर्ग से भिलाई की ओर विहार करेंगे। वे छह जुलाई को वैशाली नगर, सात जुलाई को भिलाई-3 में एक दिवसीय प्रवचन और रात्रि विश्राम के पश्चात आठ जुलाई को कुम्हारी स्थित कैवल्य धाम में पधारेंगे। इसके बाद उनका पद विहार रायपुर जैन दादाबाड़ी के लिए होगा। 10 जुलाई को राजधानी में उनका भव्य प्रवेश आयोजित किया गया है। आउटडोर स्टेडियम में चातुर्मास के प्रारंभ से लेकर महापर्यूषण पर्व 31 अगस्त तक प्रवचन होगा। इसके पश्चात एमजी रोड स्थित जैन दादाबाड़ी में प्रवचन चातुर्मास के समापन पर कार्तिक पूर्णिमा तक चलेगा।
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