धरमजयगढ़

रखरखाव में लापरवाही के कारण लाखों के वृक्ष चढ़े भ्रस्टाचार की भेंट…

चंद्रकांत वर्मा

रायगढ़/धरमजयगढ़

अगर हम वास्तव में जीवित रहना चाहते हैं और अच्छे जीवनयापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़ने के अलावा पेड़ पर्यावरण से अन्य हानिकारक गैसों को अवशोषित करते हैं जिससे वायु शुद्ध और ताज़ी बनती है। जितने हरे-भरे पेड़ होंगे उतना अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होगा और अधिक विषैली गैसों को यह अवशोषित करेंगे।
वर्तमान कोरोनाकाल में ऑक्सीजन की कमी और पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण की वजह से वृक्षारोपण की आवश्यकता इन दिनों अधिक हो गई है। वर्तमान में कोरोना वायरस पूरा देश जूझ रहा है… आक्सीजन की कमी से हजारों व्यक्ति अपनी जान गवा बैठे हैं…

शासन हर ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत वृक्षारोपण कार्य के लिए लाखों रुपए में स्वीकृति कर रही है लेकिन रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत अलोला पदाधिकारी सरपंच सचिव व रोजगार सहायक द्वारा वृक्षारोपण कर कोई देखभाल नही किया गया जिससे पौधों का अस्तित्व ही नही बचा है।
आपको बता दे की शासन द्वारा मनरेगा में सत्र 2020-21 मैं गौठान में 200 वृक्ष लगाने की स्वीकृति हुई थी परंतु ग्राम पंचायत अलोला के गौठान में एक भी वृक्ष का रख रखाव के कमी के कारण वृक्ष का दर्शन दुर्लभ है। और ग्रामीणों की माने तो ग्राम पंचायत के मनरेगा और 14 वित्तीय राशि में भी जमकर भ्रष्टाचार हुई है।

जब इस बावत जनपद सीईओ से मीडिया ने बात करनी चाही तो उनके द्वारा फोन रिसीव नही किया गया। लेकिन भौतिक सत्यापन किया जाये तो कई भ्रस्टाचार रूपी जिन्न के निकलने की संभावना है…!

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