घरघोड़ा

रायगढ़: स्कूल बस और ट्रेलर की टक्कर में बस ड्राइवर की मौत, पुलिस ने दोनों गाड़ियों के मालिकों को दी माफी…?

रायगढ़: स्कूल बस और ट्रेलर की टक्कर में बस ड्राइवर की मौत, पुलिस ने दोनों गाड़ियों के मालिकों को दी माफी…?

रायगढ़: पिछले दिनों घरघोड़ा में स्कूल बस और ट्रेलर की भिड़ंत मामले में पुलिस ने कुछ ऐसा ही किया है। पता चला है कि दोनों वाहनों के ड्राईवरों के पास लाइसेंस नहीं था।
इनके मालिकों की जवाबदेही तय करने के बजाय उनको अभयदान दे दिया गया।सड़कों पर भारी वाहनों के कारण हो रही मौतें रुक ही नहीं रही हैं। इसकी एक वजह पुलिस की कमजोर विवेचना और कार्रवाई भी है। हादसे होने के बाद भी प्रकरण को ढीला छोड़ दिया जाता है ताकि जिम्मेदार को बचाया जा सके।

रायगढ़ जिले में ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब यहां की कोई सड़क निर्दोष लोगों के खून से लाल न हुई हो। हर दिन कहीं न कहीं किसी डंपर, ट्रेलर की चपेट में कोई गरीब आदमी अपनी जान गंवा रहा है। 19 जुलाई को घरघोड़ा के बरघाट क्षेत्र से स्कूल जाने वाली बस क्रमांक बस क्रमांक सीजी 13 एएस 7277 को ट्रेलर सीजी 11 बीएफ 9910 ने सामने से ठोकर मार दी। ट्रेलर चालक अनुज पांडेय को गिरफ्तार कर लिया गया जो नशे में था। बस चालक रामकुमार बेहरा गंभीर रूप से घायल हो गया था ,जिसकी मृत्यु अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में हो गई। ट्रेलर के मालिक बालाजी कोल इंटरप्राइजेस संचालक विनय अग्रवाल हैं। वहीं स्कूल बच्चों को ले जा रही बस सड़क नरेश बेहरा ,निवासी बरघाट हैं। जानकारी मिली है कि ट्रेलर के ड्राइवर अनुज पांडेय और मृतक रामकुमार बेहरा दोनों के पास हैवी व्हीकल का लाइसेंस नहीं था। विवेचना में पुलिस ने इसका उल्लेख ही नहीं किया। दोनों भारी वाहनों के मालिकों ने ऐसे ड्राईवरों को स्टेयरिंग थमा दी, जिनके पास लाइसेंस ही नहीं थे। ऐसे मामलों में कार्रवाई की जद में दोनों वाहनों के मालिक भी आते हैं। पुलिस ने दोनों को कार्रवाई से बचा लिया। घटना में कई बच्चे घायल हुए थे। रिपोर्ट करने वाले अजय बेहरा पिता लक्ष्मी बेहरा ने बताया था कि बस उसके पिता चलाते थे। ट्रेलर ड्राईवर का लाइसेंस प्रयागराज उत्तरप्रदेश का है जो केवल एलएमवी के लिए है।

एसईसीएल ने जारी किया था टेंडर

बरौद खदान से कोयले का परिवहन करने के कारण स्थानीय सड़क खराब हो चुकी है। इसके लिए ग्रामीणों ने कई बार चक्काजाम किया। स्कूली बच्चों को ले जाने के लिए बस सेवा की मांग एसईसीएल से की गई थी। इसका टेंडर निकाला गया तो नरेश बेहरा ने इसे हासिल किया। सामान्य बस को स्कूल बस की तरह पेंट कर दिया गया। बस को नरेश बेहरा ने अपने भतीजे राम बेहरा को चलाने दे दिया जिसके पास लाइसेंस ही नहीं था। छोटे बच्चों की जान भी खतरे में डाली गई। ऐसा ही काम बालाजी कोल इंटरप्राइजेस जांजगीर चांपा ने भी किया। इन दोनों पर कार्रवाई की आंच तक नहीं पहुंची।

इस मामले में अब परिवहन विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। ट्रेलर क्रमांक सीजी 11 बीएफ 9910 का परमिट निरस्त करने और पंजीयन सस्पेंड करने परिवहन आयुक्त व जिला परिवहन अधिकारी जांजगीर चांपा को पत्र लिखा गया है। ड्राइवर का लाइसेंस निलंबित करने के लिए भी प्रयागराज जिले से पत्राचार किया गया है। बस क्रमांक सीजी 13 एएस 7277 के मालिक नरेश बेहरा पर भी कार्रवाई होगी।

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