नई दिल्ली

10 साल का हिसाब, 1000 साल की बुनियाद : उपलब्धियों का लेखा-जोखा लेकर 2024 में फिर लाल किले लौटूंगा’, पढ़िए PM मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें…..

नई दिल्ली: पीएम मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में भविष्य की रूपरेखा तैयार कर दी। उन्होंने न केवल 10 सालों की अपनी उपलब्धियां गिनवाई, बल्कि 100वें सालगिरह तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प भी लिया।
इतना ही नहीं, उन्होंने इस संबोधन के दौरान 1000 साल का रोडमैप भी तैयार कर दिया।

पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें

मैं आपमें से आता हूं, मैं आपके बीच से निकला हूं, मैं आपके लिए जीता हूं। अगर मुझे सपना भी आता है तो आपके लिए आता है, अगर मैं पसीना भी बहाता हूं तो आपके लिए बहाता हूं। इसलिए नहीं कि आपने मुझे ये दायित्व दिया, ये मैं इसलिए कर रहा हूं क्योंकि आप मेरे परिवारजन हैं और मैं आपके किसी दुख को नहीं देख सकता हूं।

2… सपने अनेक हैं। संकल्प साफ है। नीतियां स्पष्ट हैं। नीयत के सामने कोई सवालिया निशान नहीं है, लेकिन कुछ सच्चाइयों को हमें स्वीकार करना होगा और उसके समाधान के लिए मेरे प्रिय परिवारजनों मैं आज लाल किले से आपकी मदद मांगने आया हूं। मैं लाल किले से आपका आशीर्वाद मांगने आया हूं। अनुभव के आधार पर मैं कह रहा हूं कि आज गंभीरतापूर्वक उन चीजों को लेना होगा। 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, उस समय दुनिया में भारत का तिरंगा झंडा विकसित भारत का तिरंगा झंडा होना चाहिए। रत्ती भर भी हमें रुकना नहीं है, पीछे नहीं हटना है। हमें उस मजबूती को अधिक से अधिक खाद पानी देना है। ये हमारा सामूहिक दायित्व होना चाहिए।

3… आज हमारे पास जनसांख्यिकी, लोकतंत्र और विविधता है – ये तीनों मिलकर देश के सपनों को साकार करने की क्षमता रखते हैं। मैं पिछले 1000 वर्षों की बात इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मैं देख रहा हूं कि देश के सामने एक बार फिर अवसर है। इस युग में हम जो करते हैं, जो कदम उठाते हैं, और एक के बाद एक जो निर्णय लेते हैं, वह स्वर्णिम इतिहास को जन्म देगा।

4.. भ्रष्टाचार ने हमारे देश को दीमक की तरह नोंच लिया है, लेकिन ये मोदी के जीवन का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा। दूसरा, परिवारवाद ने हमारे देश को नोंच लिया है। इस परिवारवाद ने जिस तरह से देश को जकड़ के रखा है, इसने लोगों का हक छीना है। तीसरी बुराई तुष्टिकरण की है। इस तुष्टिकरण ने देश की मूलभूत चिंतन को, हमारे राष्ट्रीय चरित्र को दाग लगा दिए हैं। तहस-नहस कर दिया है। इसलिए हमें इन बुराइयों, भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण के साथ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है।

5.. भारत जब ठान लेता है, तो काम पूरा करता है। ये हमारा ट्रैक रिकॉर्ड कहता है। 25 साल से देश में चर्चा चल रही थी कि नया संसद भवन बनेगा। ये मोदी है, समय से पहले संसद बनाकर रख दिया। यह एक ऐसी सरकार है जो काम करती है, जो निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करती है। ये नया भारत है। ये वो भारत है जो आत्मविश्वास से भरा है। ये भारत ना रुकता है, ना थकता है, ना हांफता है और ना ही हारता है।

6… हमारा लक्ष्य अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, लोगों को सशक्त बनाना और भारत को एक विकसित देश बनाना है। जब देश में गरीबी कम होती है तो मध्यम वर्ग की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। ये मोदी की गारंटी है कि अगले 5 साल में भारत को दुनिया की टॉप-3 अर्थव्यवस्थाओं की सूची में लाऊंगा।

7.. आज दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं पर महंगाई का गहरा असर पड़ा है, लेकिन गौरतलब है कि महंगाई पर काबू पाने की दिशा में भारत के प्रयास पहले की तुलना में सफल रहे हैं। हालांकि, हमें इससे संतुष्टि नहीं मिलनी चाहिए, हमें और अधिक करने की जरूरत है, हमें और अधिक लड़ने की जरूरत है। देश जब आर्थिक रूप से समृद्ध होता है तो सिर्फ तिजोरी नहीं भरती है। देश का सामर्थ्य बढ़ता है, देशवासियों का सामर्थ्य बढ़ता है।

8…. 2019 में प्रदर्शन के आधार पर आपने मुझे एक बार फिर आशीर्वाद दिया। अगले पांच साल अभूतपूर्व विकास के हैं। 2047 के सपने को साकार करने का सबसे बड़ा स्वर्णिम क्षण आने वाले पांच साल हैं। अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से देश की उपलब्धियों और विकास को आपके सामने रखूंगा।

9.. बैंकों से लेकर आंगनबाड़ियों तक, ऐसा कोई मंच नहीं है जिसमें महिलाएं योगदान न दे रही हों। अब मेरा सपना गांवों में 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने का है। इसके लिए हमने एक नई योजना शुरू करने का फैसला किया है जिसमें 15,000 महिला एसएचजी को ड्रोन चलाने और मरम्मत करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाएगा और देश के कृषि-तकनीकी क्षेत्र को मजबूत करेगा।

10… आपने सरकार फॉर्म किया। इसके बाद देश लगातार विकास की ओर बढ़ रहा है। रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म से देश बदलता जा रहा है। कोविड-19 महामारी के बाद एक नई विश्व व्यवस्था, एक नया भू-राजनीतिक समीकरण आकार ले रहा है। भू-राजनीति की परिभाषा बदल रही है। आज नई विश्व व्यवस्था को आकार देने में 140 करोड़ लोगों की क्षमता देखी जा सकती है। यह निश्चित है कि भारत की क्षमता और संभावनाएं भरोसे की नई ऊंचाइयों को पार करने वाली हैं। विश्वास की ये नई ऊंचाईयां, नई क्षमताओं को लेकर आगे बढ़ेंगी। आज भारत को G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी का अवसर प्राप्त हुआ है। पिछले वर्ष जिस प्रकार से भारत के कोने-कोने में G20 के अनेक आयोजन हुए, उससे दुनिया को भारत के सामान्य जन की क्षमता का परिचय हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *