नक्सलियों के डर से शिक्षक ज्वाइन नहीं कर रहे ये सरकारी स्कूल, दो साल में 6 टीचर्स फिरौती के लिए हो चुके किडनैप…

नक्सलियों के डर से शिक्षक ज्वाइन नहीं कर रहे ये सरकारी स्कूल, दो साल में 6 टीचर्स फिरौती के लिए हो चुके किडनैप…
राज्य में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन बांका का नवसृजित प्राथमिक विद्यालय धावाटांड़ इससे अछूता है।नक्सल प्रभावित बसमाता पंचायत में मौजूद यह विद्यालय दो वर्ष से बंद पड़ा है।
नक्सलियों के डर से इस स्कूल के शिक्षकों ने या तो अपना स्थानांतरण करा लिया है या फिर आते ही नहीं हैं।
स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक का हुआ था अपहरण
इस स्कूल में कुल 80 बच्चे नामांकित हैं। इनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। सुदूर क्षेत्र होने के कारण इन बच्चों के पास किसी अन्य स्कूल का विकल्प भी नहीं है। ग्रामीण कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों से स्कूल सुचारू करने का अनुरोध कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई फलाफल नहीं निकला है।दो वर्ष पूर्व इस स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक पंकज कुमार सिंह का अपहरण हुआ था। बदमाशों ने नक्सलियों के नाम पर शिक्षक से 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी।
चर्चा के अनुसार, पांच लाख रुपये देकर शिक्षक ने अपनी जान बचाई। हालांकि, शिक्षक ने फिरौती की रकम देने से इनकार किया है।
सहायक शिक्षिका ने भी कराया ट्रांसफर
इस घटना के बाद पंकज ने दूसरे स्कूल में अपना तबादला करा लिया। इस भय से विद्यालय की सहायक शिक्षिका आभा कुमारी ने भी अपना स्थानांतरण दूसरे स्कूल में करा लिया। फिलहाल स्कूल बंद पड़ा हुआ है।बाद में स्कूल संचालन के लिए विभाग ने तिलकपुर स्कूल के शिक्षक कैलाश कुमार मधु को वहां प्रतिनियोजित किया था। पर दो-दो स्कूल का प्रभार होने के कारण कैलाश ने भी धावाटांड़ विद्यालय जाना छोड़ दिया है।
इस बाबत ग्रामीण सुनील कुमार यादव, अशोक यादव, पलटन यादव, मोहन यादव, प्रदीप कुमार, मिठन कुमार, मनोज कुमार आदि ने बताया कि गांव में शिक्षा व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो चुकी है। स्कूल दो साल से बंद पड़ा हुआ है।
यहां से दो किलोमीटर दूर बेला गांव में स्कूल है, लेकिन वहां जाने के लिए बेलहरनी नदी के जोखिम भरे रास्ते को पार करना पड़ता है। इस कारण बच्चे नहीं जाते हैं। बताते चलें कि पिछले दो वर्ष में इस क्षेत्र के आधा दर्जन शिक्षकों का फिरौती के लिए अपहरण हो चुका है।
शिक्षक पंकज कुमार सिंह के अपहरण के बाद से ही धावाटांड़ स्कूल बंद पड़ा है। बीआरसी को आवेदन देने के साथ ही मौखिक रूप से भी पढ़ाई सुचारू कराने की मांग की गई, लेकिन शिक्षक नहीं दिया गया। – विजय हांसदा, मुखिया, बसमाता
तिलकपुर और धावाटांड़ स्कूल दोनों का प्रभार है। विभागीय निर्देश पर प्रभार ग्रहण किया हूं। धावाटांड़ स्कूल जाने का रास्ता जंगल से होकर है। वहां अपहरणकर्ताओं का भय बना रहता है। – कैलाश कुमार मधु, शिक्षक
धावाटांड़ स्कूल में तिलकपुर के शिक्षक कैलाश कुमार मधु को प्रतिनियोजित किया गया है। स्कूल बंद होने की सूचना नहीं है। बीईओ परीक्षा ड्यूटी में गए हैं। लौटने पर मामले की जांच कराई जाएगी। – दिवाकर कुमार, बीपीएम सह प्रभारी बीईओ, बेलहर
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