छत्तीसगढ़: आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित छात्रावास शिक्षकों के भरोसे हो रहे संचालित, प्राचार्य और व्याख्याता भी सम्हाल रहे छात्रावास….

आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित छात्रावास शिक्षकों के भरोसे संचालित हो रहे हैं। सरकार के नियमों को दरकिनार कर विभाग ने प्राचार्य, व्याख्याता, प्रधान पाठको को छात्रावास अधीक्षक के पद मे अटैच कर दिया गया है।विभाग द्वारा सालो से छात्रावास अधीक्षक पद पर भर्ती न करने से यह स्थिति बनी है.
छात्रावास संचालन के नाम पर सरकार के नियम को दरकिनार कर किए गए संलग्नीकरण से जिले की शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है. इस प्रशासनिक मनमानी पर शिक्षा सचिव डा. आलोक शुक्ला द्वारा अटैच शिक्षकों के मूल पद पर वापस भेजनें के आदेश का भी इस व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा सचिव डा. शुक्ला ने एक आदेश मे संलग्न किए गए सभी शिक्षकों को उनके मूल पद पर वापस भेज कर, जिलाध्यक्ष शिक्षा अधिकारियों को एक प्रमाण पत्र भेजनें का आदेश दिया था. लेकिन शिक्षा सचिव का यह आदेश जिले मे अब तक लागू नहीं हो पाया है। अटैच किए गए शिक्षा, मूल पद मे वापस नहीं भेजे जा सके हैँ।
प्राचार्य और व्याख्याता भी सम्हाल रहे छात्रावास
जिले मे संलग्नीकरण के खेल प्रधान पाठक और व्याख्याता के साथ प्राचार्य को भी छात्रावास अधीक्षक बना दिया गया है। आदिवासी विकास विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गईं जानकारी के अनुसार जिले मे इस समय 170 छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं। इनमे सिर्फ 53 नियमित छात्रावास अधीक्षक पदस्थ हैं. 117 छात्रावासो की जिम्मेदारी शिक्षकों को सौपा गया है. इनमे 1 प्राचार्य, 12 व्याख्याता, 46 प्रधान पाठक, 2उच्च श्रेणी शिक्षक (यूडीटी) और 1 व्यायाम शिक्षक शामिल है। सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार व्याख्याता और प्राचार्य को छात्रावास अधीक्षक के पद पर संलग्न नहीं किया जा सकता।
व्यवस्था बनाएं रखने का बहाना
शिक्षा विभाग से आदिवासी विभाग मे संलग्न किए जाने पर जिलाध्यक्ष, शिक्षाधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्यक होता है। संलग्न किए जा रहे शिक्षक के संस्था मे ना रहने से अध्यापन कार्य कितना प्रभावित होगा इस आधार पर डीईओ, प्रमाण पत्र जारी करता है। लेकिन जिले में इस प्रक्रिया मे भी जिम्मेदार अधिकारियों ने जम कर मनमानी की है। सहायक आयुक्त पीसी लहरे का कहना है की छात्रावास संचालन के कार्य मे संलग्न किये गए शिक्षकों का मामला, सामान्य रूप से अटैच किए गए शिक्षको के मामले से अलग है. इन शिक्षकों को आवश्यक व्यवस्था बनाएं रखने के लिए सेवाये ली जा रही हैँ।
एक नजर आंकड़े पर
जिले मे संचालित छात्रावास -170
अटैच किये गए शिक्षकों की संख्या – 117
संलग्न प्राचार्य – 01
संलग्न व्याख्याता – 12
संलग्न यूडीटी – 02
व्यायाम शिक्षक – 01
प्रधान पाठक – 46
छात्रावासो मे संलग्न किए गए शिक्षक विशेष व्यवस्था को बनाएं रखने के लिए सेवा दे रहे हैं।
पीसी लहरे, सहायक आयुक्त, आजाक विभाग, जशपुर.
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