रायगढ़ ब्रेकिंग: अब पंचायत मे भी होगा रजिस्ट्री, फौती, बंटवारे, नामांतरण, वैध वारिसानों के नाम दर्ज करने जैसे कार्य….

रायपुर। रजिस्ट्री, फौती, बंटवारे, नामांतरण, वैध वारिसानों के नाम दर्ज करने जैसे कार्य अब राजस्व न्यायालयों के साथ ग्राम पंचायतों में भी हो सकेगा। आनलाइन या आफलाइन आवेदन के बाद की प्रक्रिया की जा सकेगी।
इसमें सिर्फ अविवादित प्रकरणों को शामिल किया है, जिस पर पंचायत कार्य कर सकेंगे। अपर कलेक्टर राजीव पाण्डेय ने बताया इस व्यवस्था के लागू होने के बाद ग्राम पंचायत स्तर पर सचिवों को ट्रेनिंग दे चुके हं?। उन्हें अब आनलाइन आईडी और पासवर्ड भी दे रहे हैं, जिसमें वह काम करेंगे।
हालांकि अब तक अविवादित मामलों को 3 माह और विवादित मामलों को 6 माह निपटारा करना होता है, लेकिन इसमें आखिरी प्रक्रिया राजस्व से जुड़े कामकाज होने के बाद आनलाइन या नामांतरण पंजी अपग्रेड किया जाएगा। इधर रजिस्ट्री संबंधी दस्तावेज उप पंजीयक द्वारा ई पंजीयक साफ्टवेयर के माध्यम से भुड्यां साफ्टवेयर से ही राजस्व अधिकारियों या पटवारियों के आईडी में चला जाएगा। रजिस्ट्री कार्यालय में ही विकल्प दिया जाएगा कि नामांतरण को पंचायत से कराना या तहसीलदार द्वारा कराना है।
पंचायत राज अधिनियम में इसका उल्लेख:
एक्सपर्ट बताते हैं कि पंचायत राज अधिनियम 1994 में इस संबंध में विशेष तौर पर इसका उल्लेख है, लेकिन पिछले संसोधन करते हुए 10 साल से अधिक समय से पूरा राजस्व प्रकरणों को राजस्व न्यायालयों को दे दिया था। अब 5 माह पहले मई में राज्य सराकार ने इस संबंध में राजपत्र का प्रकाशन करने के बाद अब 17 अक्टूबर को सीएम ने इस स्कीम लांच कर दिया है।
* खरसिया, घरघोड़ा, छाल, तमनार, धरमजयगढ़, पुसौर, रायगढ़, लैलूंगा तहसील कार्यालयों में नामांतरण के मामले 1136 मामलें पेडिंग हैं।
« 60 दिवस से अधिक मामले में 150 मामले
« 46 से 60 दिवस के बीच 56, (45 दिवस में 930 मामले पेडिंग हैं।
* इसी तरह 351 मामले आदेश पारित होने के बाद अभिलेख दुरुस््ती के लिए लंबित आवेदनों की संख्या है।
ग्राम पंचायत में प्रस्ताव किया जाएगा पारित –
अविवादित नामांतरण के लिए ग्राम पंचायत व पक्षकारों को सूचना जारी करेगा। 15 दिनों के भीतर में ईश्तहार निकालना होता है, यह प्रक्रिया भी पंचायत स्तर पर सार्वजनिक स्थलों में ही चस्पा कर दिया जाएगा। ग्राम पंचायत की बैठक में
इस संबंध में इस संबंध में प्रस्ताव को पारित किया जाएगा। इसे सुधार के लिए पटवारी के पास भेजा जाएगा। वहीं यदि कोई विवाद की स्थिति रहती है तो 3 दिनों के भीतर में उसे तहसीलदार को भेजना होगा। 7 दिनों में पटवारी को दस्तावेज दुरस्त करना होगा। इसे लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 के प्रावधानों के अनुसार होगा।
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