नया नशा: कंडोम के नशे के सामने शराब फैल, युवा कर रहे नशे के लिए कंडोम के इस्तेमाल! फ्लेवर्ड कंडोम की बिक्री में भारी वृद्धि….

कोलकाता। नशे की लत हर हाल में हानिकारक होती है पर पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर शहर में युवक एक विचित्र नशे का सेवन कर रहे है। जी हां कंडोम का नशा। वैसे तो कंडोम असुरक्षित यौन संबंधों से बचाने के काम आता है, लेकिन यहां के युवक इसका इस्तेमाल मादक पदार्थ की तरह कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में शहर में कंडोम की बिक्री में भारी इजाफा हुआ है। कई दुकानों पर तो स्टॉक आने के कुछ ही घंटे बाद खत्म हो जा रहा है। नशे के लिए कंडोम के इस्तेमाल से शहर में हर कोई हैरान है। युवाओं में इस नई लत से प्रशासन की भी चिंता बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों में दुर्गापुर के विभिन्न इलाकों जैसे दुर्गापुर सिटी सेंटर, बिधाननगर, बेनाचिती और मुचिपारा, सी जोन, ए जोन में फ्लेवर्ड कंडोम की बिक्री में भारी वृद्धि हुई है। अचानक इस बढ़ोतरी से हैरान एक स्थानीय दुकानदार ने अपने यहां से बार-बार कंडोम खरीद रहे एक युवक से इसकी वजह पूछी। तो उसने हैरान करने वाला जवाब दिया कि वह नशे के लिए इन्हें खरीदता है। दुर्गापुर के एक मेडिकल स्टोर संचालक ने बताया कि पहले रोजाना कंडोम के 3 से 4 पैकेट ही बिकते थे लेकिन अब पूरे के पूरे पैक बिक रहे हैं। ये युवक कंडोम का नशे के लिए किस तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, इसकी जानकारी देते हुए दुर्गापुर के मंडल अस्पताल में काम करने वाले धीमान मंडल ने बताया कि कंडोम में कुछ सुगंधित यौगिक होते हैं। अल्कोहल बनाने के दौरान ये टूट जाते हैं। ये लत लगाने वाले होते हैं। इनसे नशा जैसा महसूस होता है। उन्होंने बताया कि यह सुगंधित यौगिक डेंड्राइट गोंद में भी पाया जाता है। बहुत से लोग डेंड्राइट का भी नशे के लिए इस्तेमाल करते हैं। दुर्गापुर आरई कॉलेज मॉडल स्कूल केमिस्ट्री के टीचर नूरुल हक ने बताया कि कंडोम को गर्म पानी में लंबे समय तक भिगोने से बड़े कार्बनिक अणु अल्कोहल यौगिक में टूट जाते हैं, जिससे नशा होता है। नशे के लिए अजीबोगरीब चीजों के इस्तेमाल का ये पहला मामला नहीं है। 21वीं सदी के मध्य में नाइजीरिया में टूथपेस्ट और जूते की स्याही की बिक्री अचानक 6 गुना तक बढ़ गई थी। लोग इनका इस्तेमाल नशे के लिए करने लगे थे। दुर्गापुर आरई कॉलेज मॉडल स्कूल केमिस्ट्री के टीचर नूरुल हक ने बताया कि कंडोम को गर्म पानी में लंबे समय तक भिगोने से बड़े कार्बनिक अणु अल्कोहल यौगिक में टूट जाते हैं, जिससे नशा होता है. नशे के लिए अजीबोगरीब चीजों के इस्तेमाल का ये पहला मामला नहीं है. 21वीं सदी के मध्य में नाइजीरिया में टूथपेस्ट और जूते की स्याही की बिक्री अचानक 6 गुना तक बढ़ गई थी. लोग इनका इस्तेमाल नशे के लिए करने लगे थे.

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