दूध, केला-पालक का बाप है मोरिंगा के पत्ते, 1 दिन में कितना खाएं? डॉ से जानें सहजन के पत्ते खाने का सही तरीका..

इम्यूनिटी, बढ़ते हुए प्रदूषण और बिगड़ती लाइफस्टाइल की वजह से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स हमें बहुत आसानी से घेर लेती हैं, जिनके लिए हम महंगे और केमिकल युक्त दवाओं का इस्तेमाल करने लगते हैं, लेकिन मोरिंगा के पत्तों का सेवन कर हम अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाकर कई स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
आजकल की बदलती लाइफस्टाइल में लोगों को छोटी-छोटी हेल्थ प्रॉब्लम्स होती ही रहती हैं। थकान, कमजोरी, बाल झड़ना, पेट की दिक्कत या स्किन संबंधित समस्याओं में तुरंत हम महंगी दवाइयों का सहारा लेते हैं।
लेकिन नेचर में ऐसी कई चीजे मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल करने से न केवल हम अपने शरीर को अंदरुनी रूप से मजबूत बनाते हैं बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा भी पाते हैं। ऐसे ही स्वास्थ्य का खजाना है मोरिंगा के पत्ते। कई देशों में मोरिंगा को मिरेकल ट्री के नाम से भी जाना जाता है।
डॉ मंजरी चंद्रा, कंसलटेंट क्लिनिकल एंड फंक्शनल न्यूट्रिशन, मैक्स हॉस्पिटल, गुरुग्राम के मुताबिक, मोरिंगा के पत्तों में जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह एक नेचुरल मल्टीविटामिन है। इसका सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। इम्युनिटी बढ़ती है। पाचन में सुधार होता है और स्किन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। अगर आप अपनी डेली डाइट में मोरिंगा के पत्तों को शामिल करते हैं तो कई हेल्थ प्रॉब्लम्स से छुटकारा पा लेंगे।
यूं ही नहीं मोरिंगा के पत्तों को सुपर फूड कहा जाता है। इसकी सबसे बड़ी वजह है मोरिंगा के पत्तों में पाए जाने वाले कई पोषक तत्व। मोरिंगा के पत्तों में इतने पोषक तत्व मौजूद होते हैं कि यह हमारे शरीर को कई डिफिशिएंसी से बचा सकते हैं। मोरिंगा के पत्तों में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी कांप्लेक्स, कैल्शियम ,आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फाइबर, प्लांट बेस्ड प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इसमें पालक से भी ज्यादा आयरन पाया जाता है और दूध से भी ज्यादा कैल्शियम।
इम्युनिटी बढ़ाने में बेहद फायदेमंद
अक्सर हम कमजोर इम्यूनिटी की वजह से मौसम के बदलने के कारण या थकान की वजह से बीमार पड़ जाते हैं। मोरिंगा के पत्तों का सेवन आपके लिए परफेक्ट इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है। इसमें मौजूद जिंक, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन हमारे शरीर की इम्युनिटी को मजबूत बनाते हैं। मोरिंगा हमारे शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को खत्म कर इन्फेक्शन के खतरे को कम करता है। गले, स्किन, पेट और स्किन से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में यह फायदेमंद है।
पाचन को सुधारता है मोरिंगा
मोरिंगा के पत्तों में हाई फाइबर मौजूद होता है। इसके एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण हमारे पाचन सिस्टम को बेहतर बनाते हैं। एसिडिटी, गैस, पेट फूलने की समस्या को यह कम करता है। मोरिंगा का सेवन करने से हमारे लीवर की सफाई होती है। मोरिंगा में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड हमारे शरीर को डिटॉक्स करने में कारगर है। यह हमारे मेटाबॉलिज्म को बेहतर करता है और शरीर में टॉक्सिन को जमा नहीं होने देता।
कैल्शियम से भरपूर है मोरिंगा के पत्ते
अगर आपको अपने शरीर में कैल्शियम की कमी महसूस हो रही है यानी की हड्डियों में दर्द कमजोरी बॉडी पेन या जोड़ों की दिक्कत महसूस होती है तो मोरिंगा के पत्तों का सेवन आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो हमारे शरीर में कैल्शियम की पूर्ति के लिए पर्याप्त है। मोरिंगा का सेवन करने से जोड़ों की सूजन कम होती है। जिन लोगों को अर्थराइटिस या घुटनों में दर्द की समस्या बनी रहती है। उन्हें मोरिंगा का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।
स्किन और बालों के लिए भी है नेचुरल सुपर फूड
स्किन और हेयर की हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए भी मोरिंगा का सेवन किया जाता है। इसमें मौजूद विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट हमारे स्किन को ग्लोइंग बनाते हैं। इसका सेवन करने से हमारा शरीर अंदर से साफ होता है, जिस कारण दाग धब्बे, पिंपल्स और एक्ने की समस्या कम होती है। विटामिन ए हमारे बालों को मजबूती देने के लिए जिम्मेदार होता है और विटामिन ई हेयर स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। मोरिंगा के पत्तों का सेवन करने से हमारे बाल मजबूत, घने और शाइनी होते हैं।
मोरिंगा को खाने का सही तरीका और सही मात्रा
मोरिंगा के ताजे पत्ते को आप रोज एक मुट्ठी या 5 से 7 ग्राम की मात्रा में खा सकते हैं। अगर आप मोरिंगा पाउडर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे भी आप एक से दो चम्मच ले सकते हैं। मोरिंगा के पत्तों को सुबह खाली पेट खाने से बेहतर परिणाम देखने को मिलते हैं। आप सुबह खाली पेट गर्म पानी में आधा चम्मच मोरिंगा पाउडर को मिलाकर भी पी सकते हैं। यह पाचन के लिए बेहतर है। जिन लोगों को बीपी और शुगर की समस्या है। उन्हें डॉक्टर की सलाह से ही इसका सेवन करना चाहिए।
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