सारंगढ़: देख तेरे स्कूलों की हालत क्या हो गयी सरकार “पढ़ाई का स्तर हो गया है बदहाल”…पढ़ाई छोड़ राजनीति, ऑनलाइन बिजनेस, मार्केटिंग मे ध्यान देने वाले शिक्षकों पर नकेल कसने की जरूरत…जिला शिक्षा अधिकारी श्री डहरिया पर कसावट की जिम्मेदारी..

सारंगढ़ नाम सुनते ही महान विभूतियों की याद बरबस ही आ पड़ती है, पहले विशिष्ट शिक्षा के नाम से पुरे प्रदेश मे विख्यात सारंगढ़ आज प्रशासनिक कसावट की कमी और शिक्षकों की लापरवाही का दंश झेल रहा है।
अब माता पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं! लेकिन आखिर करें तो क्या? समझ से परे है।
पढ़ाई छोड़ राजनैतिक, ऑनलाइन बिजनेस पर शिक्षक दे रहे ध्यान-
पालकों और आम जनता की माने तो भविष्य निर्माता कुछ शिक्षकों द्वारा तय जिम्मेदारी ना निभाकर खुद को संगठन पदाधिकारी कोई राजनेता या ऊँची पहुंच वाला बताकर धौंस जमाते मिल जायेंगे! तो कई शिक्षक ऑनलाइन बिजनेस मोटू पतलू करने मे लगे हैं तो कुछ खुद को समाजिक पदाधिकारी बताकर समाज और संगठन का डर दिखाने मे खुद की शान समझ रहे हैं ऐसा हम नहीं बल्कि आम जनता खुलेआम कह रही है। जरा सोचिये अगर ये आरोप सही है तो शिक्षा के स्तर का बेड़ागर्क होना स्वाभाविक है।
नियमित मानीटिरिंग का अभाव
सारंगढ़ मे शिक्षा का स्तर लगातार गिरते जा रहा है। विशेषकर शासकीय स्कूलों में नियमित मानीटिरिंग के अभाव से बच्चो का भविष्य अंधेरे मे नजर आ रहा है। जिले मे 12 ऐसे सरकारी स्कूलों का नाम सामने आया है जहा 12वी और 10वी बोर्ड परीक्षा मे परिणाम 40 फीसदी से नीचे रहा है। विशेष बात यह है कि सुदूर दूरस्थ वनाचंल के स्कूलो के साथ साथ शहरी सरकारी स्कूल भी इस सूची में शामिल है। इन स्कूलो की दशा सुधारने की कयावद के रूप मे कलेक्टर ने इन सभी 12 स्कूलो में सरकारी जिला स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकार बनाकर उनको जवाबदारी सोपी है। अब देखना है कि क्या नवीन शिक्षण सत्र मे क्या सुधार होगा? कलेक्टर ने जिन स्कूलो में जिला स्तर के अधिकारियो को नोडल अधिकारी बनाकर कमान सोपी है उसमें कई नामी गिरामी स्कूल शामिल है। कई सरकारी स्कूल ऐसे हे जिनका पुराना स्वर्ण इतिहास भी रहा है। किन्तु बोर्ड परीक्षा का 40 फीसदी से कम परीक्षा परिणाम ने नाम को मिट्टी मे मिला दिया। शिक्षा विभाग की समीक्षा बेठक में 40 फीसदी से कम परिक्षा परिणाम वाले स्कूलो की सूची देखकर
खुद कलेक्टर डां.संजय कन्नौजे चौक गये और उन्होने तत्काल इस दिशा में पहल कर नोडल अधिकारियों की तैनाती कर पहल प्रारंभ कर दिया है।
सबसे कमजोर रहा परीक्षा परिणाम वाले जिले के स्कूल –
शासउ.माशाला पेन्ड्रावन,सरसीवां वि.खंबिलाईगढ़ में 36.49%,नगरपालिका हाई स्कूल सारंगढ में 16.67%, शास. उ.मा.वि. कनकबीरा, वि.ख. सारंगढ़ में 10वी का 20% तथा 12वी का 34.623परिणाम रहा। वही शासउ.मा.शाला गाताडीह, वि.ख.बिलाईगढ़ में 18.38%,शास. हाई स्कूल गौरडीह, वि.ख. बरमकेला में 35.29%,शास. उ.मा.वि. सुतिउरकूली वि.खं.बिलाईगढ में 14.58%, शास हाई स्कूल छर्रा वि.ख. सारगढ में 10% शास.उ.मा.वि. बार, वि.ख.बरमकेला में 25.86%,शास.उ.मा.वि. लिंजीर, वि.ख. बरमकेला में 36.67%, शास. हाई स्कूल बेंगची, वि.ख. बरमकेला में 25% तथा शास. हाई स्कूल गोरबा, वि.ख. बिलाईगढ़ में 28.57%, शास. उमा.वि. जोरा, वि.ख. बिलाईगढ़ में 23 .77%परिक्षा परिणाम रहा।
जिला शिक्षा अधिकारी श्री डहरिया को लेना होगा एक्शन –
निम्न अधिकारीयों को कलेक्टर ने दी जिम्मेदारी
इन्द्रजीत बर्मन, मुख्य कार्य, अधि. जिला पंचायत सारंगढ़बिलाईगढ़ को शास..मा.शाला पेन्ड्रवन,सरसीवां वि.खंबिलाईगढ़, प्रकाश कुमार सर्वे (भा.्र.से)अपर कलेक्टर सारगढ-बिलाईगढ को नगरपालिका हाई स्कूल सारंगढ़, श्रवण कमार टण्डन, अपर कलेक्टर सारंगढ़-बिलाईगढ़ को शास. उ.मा.वि. कनकबीरा, वि.ख. सारंगढ़, जेआर. डहरिया,जिला शिक्षा अधि. सारंगढ़-बिलाईगढ को शास.उ.मा.शाला गाताडीह, विख़.बिलाईगढ़, विजेन्द् ठाकुर, जिला परियोजना अधिकारी को शास. हाई सकल गौरडीह, वि.ख. बरमकेला, सुश्री डॉ वर्षा बसंल, अनुविभागीय अधि. (रा0) बिलाईगढ़ को शास. उ.मा.वि. सुतिउरकुली वि.खंबिलाईगढ़, अनिकेत साहू अनुविभागीय 0 (रा0), सारंगढ़ को शास हाई स्कूल छर्रा वि.ख. सारगढ़, गणेश कुर्रे, जिला खाद्ध अधिकारी को शास.उ.मा.वि. बार, वि.ख.बरमकेला, व्यासनारायण साहू सहकारी सेवाएं सारंगढ़ को शासउ.मा.वि. लिंजीर, वि.ख. बरमकेला, अजय पटेल, मुका.पा.अधि. ज.ं. बरमकेला को शास. हाई स्कूल बेंगची, विख. बरमकेला, प्रतीक प्रधान, 5282 जप. बिलाईगढ़ को शास. हाई स्कूल गोरबा, वि.ख. बिलाईगढ़ तथा नरेश क॒मार चौहान, प्रभारी एम.सी. सारंगढ़बिलाईगढ़ को शास. उ.मा.वि. जोरा, वि.ख. बिलाईगढ़ का नोडल अधिकारी बनाया गया है।
नए जिला शिक्षधिकारी श्री डहरिया से उम्मीदें..
सारंगढ़ जिले मे गिरते शिक्षा के स्तर को देखते हुए प्रदेश के सबसे अनुभवी अधिकारीयों मे से एक श्री डहरिया को सरकार ने जिले के अधिकारी के रूप मे तैनात किया है, प्रशासन के साथ बच्चो के अविभावकों को भी नये जिला शिक्षा अधिकारी से उम्मीदें है की वो लापरवाह शिक्षकों पर लगाम लगाकर कार्रवाई की चाबुक चलाएंगे और पुनः सारंगढ़ को शिक्षा के स्तर मे अव्वल लाने मे कामयाब होंगे।

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