सारंगढ़/बरमकेला: प्रति माह 30-40 गरीब परिवारों के भूखे-मरने की नौबत..!कोरोना के बाद भूख की जंग लड़ रहे ग्रामीण..जनपद सीईओ और एसडीएम से लगाई गुहार… पढ़िए पूरा मामला…

जगन्नाथ बैरागी
रायगढ़। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने अपनी विधानसभा में वर्ष 2012 में खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा कानून बनाकर अपने राज्य के गरीबों को भोजन का अधिकार दिलाया है।
राशन वितरण के साथ-साथ समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन भी इस प्रणाली में किया जा रहा है। राशन वितरण और धान उपार्जन में पारदर्शिता के लिए सम्पूर्ण सार्वजनिक वितरण प्रणाली का वर्ष 2008 से कम्प्यूटरीकरण किया जा चुका है। इसके जरिये सम्पूर्ण प्रणाली को ऑन लाइन किया गया है।
खाद्य विभाग की जनभागीदारी वेबसाइट में पंजीयन करवाने पर नागरिकों को ई-मेल के जरिए अपनी समस्या और अपने सुझाव भेजने की सुविधा मिलने लगती है।
नागरिक इसमें अपना पंजीयन एसएमएस सुविधा के लिए भी करवा सकते हैं, जिसमें उन्हें उनके मोबाइल नम्बर अथवा ई-मेल आईडी पर नागरिक आपूर्ति निगम के प्रदाय केन्द्र से संबंधित उचित मूल्य दुकान को राशन सामग्री पहुंचाने वाले ट्रक नम्बर और उस ट्रक के द्वारा राशन दुकान में सामग्री पहुंचाने की पुष्टि भी की जाती है।
इतना ही नहीं इस प्रणाली में खाद्य विभाग द्वारा जनवरी 2008 से निःशुल्क कॉल सेन्टर का भी संचालन किया जा रहा है।
इन सभी पारदर्शिता के बावजूद बरमकेला के वनांचल में स्थित ग्राम पंचायत कपरतुंगा के ग्रामीणों को पीडीएस चावल की आपूर्ति न होना सरकारी योजनाओं की दम घुटती कहानी को बयां करती है।

ग्राम कपरतुंगा(बरमकेला) में पीडीएस चावल की धांधली की आशंका-
बरमकेला स्थित कपरतुंगा के समस्त ग्रामवासी पीडीएस चावल की आपूर्ति न होने के कारण परेशान है। एक तो कोरोनकाल ने गरीबों की हालत पस्त कर रखी है उसपर से सरकारी योजना में इस कदर लापरवाही की ग्रामीणों को छत्तीसगढ़ सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना का भी लाभ न मिल पाना कहीं न कहीं बड़े भ्रस्टाचार की ओर इशारा दे रही है।
प्रत्येक माह 30 से 40 परिवार को नही मिल रहा राशन-
ग्रामीणों ने सरपँच के माध्यम से एसडीएम सारंगढ़ को लिखित में शिकायत दी है कि ग्राम पंचायत कपरतुंगा में प्रत्येक माह 30-40 परिवारों को राशन नही मिल पा रहा है। जबकि प्रशासन पीडीएस के मामले में अति संवेदनशील है। तो क्या ये प्रशासनिक कमी है या सप्लायर की धांधली या डीलर की भ्रस्टाचारी इस पर जांच कर कठोर कार्यवाही तो बनती है।
जनपद सीईओ, एसडीएम से लिखित में शिकायत-


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मस्त ग्रामवासी पर भूख की संकट को देखए हुवे सरपँच कपरतुंगा ने गरीबों के हित मे ग्रामवासियों को एकत्रित कर जनपद सीईओ, और संवेदनशील एसडीएम नंदकुमार चौबे से लिखित में अपनी समस्याओं से अवगत कराया है। तथा मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
जल्द समस्या का हो समाधान वरना ग्रामीण पेट की खातिर करेंगे उग्र आंदिलन-
कपरतुंगा के ग्रामीणों ने मीडिया को अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुवे बताया कि कोरोनकाल ने हमारी कमर तोड़ दी है।और उस पर हमारे हक का चावल प्रति माह नही मिल रहा है, ऐसे में हम अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करें। हमे प्रदेश के मुख्यमंत्री पर पूरा भरोसा है लेकिन हमारे हक का अनाज को धांधली कौन कर रहा है उस व्यक्ति पर कठोर कार्यवाही की जाये। अन्यथा हम सभी ग्रामीण मिलकर आंदिलन हेतु मजबूर रहेंगे इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा।
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