सारंगढ़: छत्तीसगढ़ मे अवैध पटाखों पर हो रही लगातार कार्यवाही… सारंगढ़ मे अभी तक बड़े,थोक व्यापारी पाक साफ़ ….! गरीबों के पहुंच से दूर हो रही फुलझड़िया, अनारदाना और चकरी….आखिर क्यों?

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छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ मे लगभग प्रत्येक जगह अवैध पटाखों पर कार्यवाही हो रही है। ताजा मामला धमतरी मे कॉलोनी के एक मकान से बड़ी मात्रा में पटाखा मिला है, जिसे अवैध रूप से भंडारण कर रखा गया था, जिसे जप्त कर पुलिस ने कार्यवाही की है। धमतरी पुलिस सूत्रों ने बताया कि शनिवार को विवेकानंद कॉलोनी गली नम्बर 3 के एक मकान से लाखों का पटाखा जप्त किया गया है। जोकि अवैध रूप से वहां रखा हुआ था। ईधर पुलिस की इस कार्यवाही से कॉलोनी में हड़कंप मच गया था।
कॉलोनी के लोगों का कहना था कि चंद रुपयों के चक्कर में लोगों की सुरक्षा के साथ खेला गया है। रिहायशी इलाके में इतनी मात्रा में पटाखा रखने से कोई बड़ी घटना भी हो सकती थी, जिसे नजरअंदाज किया गया है। विदित हो कि शहर में इस इलाके के अलावा भी कुछेक अन्य रिहाइशी इलाकों में अवैध पटाखा डंप कर रखा गया ,है जिससे भी लोगों को खतरा है। उन जगहों पर भी पुलिस कार्यवाही की दरकार है। बहरहाल इस सम्बंध में कोतवाली पुलिस ने बताया कि बगैर किसी सुरक्षा के कार्टून और बोरियों में भरकर तीन लाख तेरह हजार से अधिक का पटाखा रखा गया था, जिसे जप्त कर पटाखा मालिक हरेश साधवानी पर विस्फोटक अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है।

सारंगढ़ मे कब होगी कार्यवाही –

सूत्रों की माने तो सारंगढ़ भी अंचल का सबसे बड़ा पटाखा विक्रेता रहता है, जिसके यहाँ से पटाखा ना सिर्फ ग्रामीण इलाकों मे अपितु आस पास के शहरों और अन्य जिलों मे भी जाता है। लोगों की माने तो दिखाने के लिए गोदाम तो लाइसेंसी है लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसे भी ठिकाने हैँ जहाँ अगर पुलिस प्रशासन अपने मुखबिर से जानकारी प्राप्त करना चाहें तो आसानी से कर सकते हैँ। विगत वर्षो मे आशीष वासनिक जैसे थानेदार ने लाखों का अवैध पटाखा जप्त किया था, पिछले वर्ष भी मीडिया भी अवैध भंडारण का फोटो सहित खबरें प्रकाश मे आया था लेकिन तगडी सेटिंग से मामला रफा दफा करने की जानकारी प्राप्त हुई थी! अब जब जिला प्रशासन सारंगढ़ मे ही मौजूद है ऐसे मे अवैध पटाखों पर कार्यवाही ना होना भी अचरज की बात जान पड़ती है। शायद मुखबिरों ने अपने आला अफसरों को इसकी जानकारी नही दी होगी।

गरीब जनता की पहुंच से दूर होती दिवाली –

पटाखों मे मनमाने MRP और उस पर दुकानदारों की बेहिसाब कीमत पर बिक्री ने इस वर्ष गरीब वर्ग के साथ मध्यम वर्ग की कमर तोड़ दी है।
इंसान फैंसी पटाखे तो दूर फुलझड़ी, चकरी, अनारदाना खरीदने से पहले सोचने मजबूर हो रहे हैँ। क्यूंकि पटाखा माफियाओं द्वारा मनमाना रेट तय करना कीमत वृद्धि हेतु सबसे बड़ा कारण है। अगर मनमाने कीमत पर जल्द अंकुश नही लगाया गया तो वो दिन दूर नही जब दिवाली का त्यौहार ही गरीबो के पहुंच से दूर हो जाएगा।

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