शादी-नौकरी का झांसा देकर युवाओं से साइबर ठगी, कहीं लोन तो कहीं पॉलिसी रिफंड के नाम पर भी लुटा…

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यूपी के अलीगढ़ में साइबर अपराध तेजी से पनप रहा है। न सिर्फ यहां के लोग अपराधियों के शिकार हो रहे हैं।

बल्कि यहां के युवा साइबर अपराधियों से प्रेरित होकर अपराध की इस नई तरह की दुनिया में कदम भी बढ़ा रहे हैं। पिछले तीन सालों में पुलिस ने कई बार छापेमारी कर इसका खुलासा भी किया है और अपराधियों को सलाखों के पीछे भी पहुंचाया है।

लोन के नाम पर ठगी
28 अप्रैल 2022 को अलीगढ़ में फर्जी कागजात तैयार करा कर फाइनेंस कंपनियों से ठगी करने वाले गैंग का पुलिस ने खुलासा किया था। सिविल लाइंस थाना पुलिस ने पांच आरोपियों के कब्जे से आधार कार्ड, पैन कार्ड, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड सहित फाइनेंस कंपनियों से फर्जी तरीके से खरीदे गये सामान भी बरामद किये थे। यह गैंग फाइनेंस कंपनियों से फर्जी दस्तावेजों पर लोन मंजूर कराता था और फरार हो जाता था।

पॉलिसी रिफंड का झांसा
26 फरवरी 2021 को अलीगढ़ साइबर थाना पुलिस ने को पॉलिसी रिफंड कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया था। यह गैंग दिल्ली, नोएडा, उप्र के लोगों को ठगी का शिकार बनाता था। पुलिस ने इनके पास से भारी मात्रा में मोबाइल, डेबिट कार्ड, लैपटॉप आदि बरामद किए थे।

शादी का झांसा

बीते मंगलवार को सिविल लाइंस और गांधी पार्क पुलिस की टीम ने 13 साइबर शातिरों को गिरफ्तार किया था। यह गैंग शादी का झांसा देकर लोगों से ठगी का काम करता था। इसके तार जामताड़ा और छत्तीसगढ़ से जुड़े हुए हैं। इन सभी को भी जेल भेज दिया गया है। इस गैंग के सरगना दंपत्ति ने जामताड़ा और छत्तीसगढ़ से ट्रेनिंग ली थी।

नौकरी का झांसा
अलीगढ़ में सबसे पहले क्वार्सी थाना पुलिस ने 2019 में एक गैंग पकड़ा था, जो कि नौकरी का झांसा देकर लोगों से ठगी करता था। इस गिरोह के कई सदस्यों को उस वक्त पुलिस ने जेल भेजा था। इसमें चार अपराधी अलीगढ़ के थे। इसके अलावा हाल में असम पुलिस ने क्वार्सी के एक दिव्यांग को पकड़ा था, जिसने करोड़ रुपये की ठगी नौकरी का विज्ञापन देकर की थी।

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