शिक्षक दिवस विशेष: शिक्षक राष्ट्र के निर्माता एवं समाज के पथ प्रदर्शक होते है – सुश्री पूजा किशोरी

डॉ राधाकृष्णन सर्वपल्ली के जन्मदिवस को ही 5 सितम्बर दिवस के रूप में पुरे भारत वर्ष में मनाया जाता है, इनका जन्म 5सितंबर 1888को हुआ वें भारत के प्रथम उप -राष्ट्रपति औऱ द्वितीय राष्ट्रपति रहे, वे भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात, महान दार्शनिक औऱ एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे! उनके इन्ही गुणों के कारण सन 1954में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था!राधा कृष्णन जी एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण उनमे विधमान थे उनका कहना था कि शिक्षक को मात्र अच्छी तरह अध्यापन करके ही संतुष्ट नहीं होना चाहिए बल्कि उसे छात्रों का स्नेह औऱ आदर अर्जित करना चाहिए! शिक्षक राष्ट्र के निर्माता एवं समाज के पथ प्रदर्शक होते है, शिक्षा के माध्यम से शिक्षक विद्यार्थियों को संस्कारवान चरित्रवान बनाते है. जो आगे चलकर आदर्श नागरिक बनते है तथा राष्ट्र निर्माण में अग्रणीय भूमिका अदा करते है!शिक्षक आज के युवायों को शिक्षा की शक्ति प्रदान करते है जिससे उन्हें बेहतर भविष्य की संभावना मिलती है शिक्षक जटिल को सरल बनाते है औऱ अमूर्त अवधारणाओ को छात्रों के लिए सुलभ बनाते है! शिक्षक बच्चों को उन विचारों औऱ विषयों से भी अवगत कराते है जिनके संपर्क में वे अन्यथा नहीं आते! शिक्षक ही है जो बच्चों के मन में देशभक्ति के मूल्यों औऱ अपने देश के लिए प्यार पैदा करते है… शिक्षको के कंधो पर बहुत बड़ा उत्तरदायित्व होता है, वास्तव में वे ही देश के भाग्य निर्माता होते है, शिक्षक का प्राथमिक उद्देश्य ज्ञान औऱ ज्ञान प्रदान करना है!चरित्र औऱ व्योहार को आकार देना शिक्षक छात्रों को ज्ञान प्राप्त करने में मदद करते है! सन 1962 से हर वर्ष 5सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है!
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