छत्तीसगढ़ सरकार की बड़ी मुश्किलें ! अब अपनी मांगो को लेकर सरपंच संघ ने भी किया काम बंद कलम बंद की घोषणा….

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शासकीय कर्मचारियों की तर्ज पर छत्तीसगढ़ प्रदेश सरपंच संघ ने भी अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ काम बंद कलम बंद आंदोलन का ऐलान कर दिया है। सोमवार को संभाग मुख्यालय बिलासपुर में छत्तीसगढ़ प्रदेश सरपंच संघ की आपातकालीन बैठक बुलाई गई। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय सहित प्रदेश के लगभग सभी जिलों से आए सरपंच एवं उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया। लगभग 3 घंटे चली बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि सरपंच संघ भी प्रदेश सरकार के खिलाफ कलम बंद काम बंद आंदोलन का रास्ता अख्तियार करते हुए सड़क पर उतर कर शासन के खिलाफ आंदोलन करेगा। छत्तीसगढ़ सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय ने बताया कि शुरू में दो बार राज्य शासन को अपनी मांगों से अवगत कराया जा चुका है जबकि एक बार राजधानी के बूढ़ा तालाब स्थित धरना आंदोलन स्थल में सरकार के खिलाफ संकेतिक धरना प्रदर्शन भी किया जा चुका है ।उन्होंने बताया कि सरपंच संघ की प्रमुख मांगों में सरपंचों का मानदेय बढ़ाकर ₹20000 प्रतिमाह करने, सरपंच निधि के रूप में प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए दिए जाने सहित धारा 40 और अविश्वास प्रस्ताव जैसी प्रक्रिया का लगातार दुरुपयोग बढ़ रहा है, इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग शासन से की गई है ।सरपंच संघ ने सोमवार से ही काम बंद कलम बंद हड़ताल का आगाज कर दिया है ।गौरतलब है कि शासकीय अधिकारी कर्मचारी संघ के हड़ताल पर चले जाने से वैसे ही सभी विभागों का कामकाज ठप पड़ गया है ऐसे में सरपंच संघ के भी प्रदेश स्तरीय आंदोलन पर चले जाने से ग्रामीण स्तर पर भी सरकार के सभी कामकाज पर इसका प्रभाव पड़ेगा ।अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार शासकीय अधिकारी कर्मचारी संघ के आंदोलन के बाद सरपंचों के इस महाआंदोलन से कैसे निपटती है।

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