महिलाओं के लिये आजीविका का साधन बना रेडी टू ईट…

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जगन्नाथ बैरागी

रायगढ़, महिला एवं बाल विकास परियोजना के तहत पूरक पोषण आहार योजना चलाया जाता है। जिसे गर्भवती, शिशुवति माता, 6 माह से 6 वर्ष के लिए बच्चों के लिए प्रोटीन एवं कैलोरी युक्त पैकेजिंग आहार दिया जाता है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) से जुड़कर विकासखण्ड घरघोड़ा ग्राम पंचायत चोटीगुड़ा की जमुना स्व-सहायता समूह की 10 महिलाओं ने खाद्य सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए रेडी टू इट का काम चालू किया और घर पर ही बैठ कर अपने ही गांव में रेडी टू इट को आजीविका को साधन बनाया।
ज्ञात है कि कया क्लस्टर के 41 आंगनबाड़ी जो कि दूर दराज एवं हाथी प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद प्रत्येक आंगनबाड़ी में स्वयं के द्वारा नियमित रूप से रेडी टू इट आपूर्ति करने का जिम्मा लिया जमुना स्व-सहायता समूह ने। समूह प्रत्येक माह अनाजों को सूखा कर, छटाई करते हुये, निश्चित मात्रा में अनाजों को पिसाई के साथ पैकेजिंग कर कया सेक्टर के प्रत्येक आंगनबाड़ी में सप्लाई का कार्य करती है। इस कार्य को करने में किसी प्रकार की कोई बंदिश नही होती है। प्रत्येक माह गुणवत्ता जांच हेतु नमूने को संबंधित कार्यालय भेजा जाता है।
घरेलू कार्यो और कृषि कार्यो के अलावा खाली समय मे अपना कार्य कर प्रतिमाह इस समूह की आय 10 से 12 हजार रुपये है। इस कार्य को करने में काफी समस्या का सामना करना पड़ा। बिहान टीम इस समस्या से अवगत होकर समस्या का समाधान किया।

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