छत्तीसगढ़: पिता बेटा मानने से किया इंकार,अपना हक लेने युवक को देना पड़ा डीएनए टेस्ट का सहारा, फिर कोर्ट ने कहा…

बस्तर में एक बेटे को पिता से अपने हक लेने के लिए DNA टेस्ट का सहारा लेना पड़ा । दरअसल जिले के बकावंड ब्लॉक के ग्राम मरेठा निवासी शोभाराम का गांव की युवती से 20 साल पहले विवाह हुआ था।
साल 2015 में शोभाराम ने पत्नी के चरित्र पर शक करते हुए उसे छोड़ दिया और बेटे को भी अपना नहीं माना। जिसके बाद 14 फरवरी 2017 को महिला और बेटे खेमराज ने परिवार न्यायालय में भरण-पोषण के लिए याचिका लगाई।
मामले की पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश पाणिग्राही के मुताबिक कोर्ट ने DNA टेस्ट का आदेश दिया। लेकिन महिला और उसका बेटा इसका खर्च उठाने में सक्षम नहीं थे । ऐसे में जिला विधिक प्राधिकरण से मदद की गई और बेटे और पति दोनों के DNA टेस्ट का खर्च उठाया । दोनों के ब्लड सैंपल की रिपोर्ट पाजिटिव आई । इसके बाद कोर्ट ने पिता को बेटे के बालिग होने तक के भरण-पोषण का खर्च देने और संपत्ति में अधिकार देने का आदेश दिया है ।
- एचडीएफसी बैंक सारंगढ़ ब्रांच द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन… - December 15, 2025
- उपभोक्ताओं के साथ धोखा! हसौद क्षेत्र के ग्रामीण अंचल मे गांवों नेटवर्क की बदहाली से जनता परेशान..महीने का रिचार्ज पूरा, सुविधा अधूरा.. - December 15, 2025
- प्रशासनिक अवहेलना का शिकार शासकीय माध्यमिक शाला आमाकछार…जर्जर हालत में पढ़ने मजबूर बच्चे, क़भी भी घट सकती है दुर्घटना..!शौचालय के अभाव से छात्राओं को भारी परेशानी.. - December 15, 2025

