दिन-रात काम और मजदूरों से भी कम वेतन, वाह रे सिस्टम…! गरीब जनता और मजदूरों के सहायक मनरेगा कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर…

IMG_20220404_102050.jpg

जगन्नाथ बैरागी

रायगढ़। एक तरफ प्रदेश सरकार् मनरेगा मे उत्कृष्ट काम पर पूरे देश मे वाहवाही बटोर रही है, वहीं दूजी ओर छतीसगढ़ मे मनरेगा के कर्मचारी जिन्हे रोजगार सहायक कहा जाता है उनके परिवारों मे खाने के लाले पड़े हुवे हैँ..! फिर भी न तो सरकार को उनकी सुध है और न ही हमारे विपक्ष को संज्ञान लेने की फुरसत..!

मजबूरन सरकार तक बात पहुंचाने के लिए काम और कलम बंद कर हड़ताल मे बैठने मजबूर हैँ गाँव के विकास के रीढ़ – रोजगार सहायक या गाँव की भाषा मे कहें तो मनरेगा सचिव।

लाखों गाली खाकर भी मजदूरों से भी कम वेतन मे काम करने मजबूर –

जी हां सुनकर आपको भी कुछ अटपटा लगा लेकिन यही कटु सत्य है की छतीसगढ़ मे पद भले ही रोजगार सहायक का है लेकिन मजदूरी एक दैनिक मजदूर से भी कम और काम का दबाव इतना ज्यादा की कई रोजगार सहायक डिप्रेशन की अवस्था मे भी जा चुके हैँ। ग्रामीण नेताओं का दबाव , पत्रकारों की कलम, और बाहुबलियों के दबँगाई के मध्य खुद को ढालने की जो कला हमारे छतीसगढ़ के रोजगार सहायकों मे है वैसे निपुणता देशा क्या इस ब्रम्हाण्ड मे भी मिलना टेड़ी खीर होगा।
लेकिन लाखों परेशानियों के बाद मिलता है तो क्या महज 5000-6000 प्रति माह, वाह..!
जबकि छतीसगढ़ के भूपेश सरकार ने वर्तमान मे छतीसगढ़ मे मजदूरी दर 204 रुपये/ दिन देने का ऐलान किया है और 16 वर्षो से पुरी कर्तव्यनिष्टता से कार्य करने वालों का वर्तमान वेतन की तुलना की जाये तो उनका वेतन दैनिक मजदूरों से भी कम ।

सड़क पर उतरना शौक नही मजबूरी – भोगीलाल सिदार

ब्लॉक अध्यक्ष भोगीलाल सिदार ने मिडिया को बताया की हमारे सभी रोजगार साथी पुरी कर्तव्यनिष्ठता से अपना कार्य कर रहे हैँ। पूर्व सरकार और वर्तमान सरकार से हम अपनी समस्याओं को लेकर बार बार गुहार लगा चुके हैँ लेकिन कोई न्यायोचित कार्यवाही नही होता देख संघ के आह्वान पर अनिश्चित कालीन हड़ताल मे जाने विवश हैँ।

मनरेगा कार्य होगा प्रभावित –

हज़ारों रोजगार सहायको के अनिश्चितकालीन हड़ताल से जाने से मनरेगा कार्य प्रभावित होगा, जिससे मजदूरों गरीब मजदूरों को परेशानी जा सामना करना पड़ेगा। अतः राज्य सरकार को चाहिए रोजगार सहायकों की बात को सुनकर उचित समाधान जल्द करे।

Recent Posts