राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को युक्तिसंगत बनाने का सुझाव – स्वीकार नही…पुरानी पेंशन ही स्वीकार-बसंत चतुर्वेदी

जितेंद्र तिवारी
23 अगस्त 2003 को 2003 – 04 की बजट घोषणा में पेंशन की मौजूदा प्रणाली को हटाते हुए नवीन अंशदायी पेंशन योजना को क्रियान्वित करने का प्रस्ताव अनुमोदित किया गया था जिसका भारत सरकार के राजपत्र में अधिसूचना 22 दिसंबर 2003 को जारी किया गया जिसके तहत 01 जनवरी 2004 से केंद्र सरकार द्वारा पुरानी पेंशन को बंद करके राज्यांश राशि 10 प्रतिशत का प्रावधान करते हुए नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू किया गया।
केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को युक्तिसंगत बनाने का सुझाव देने हेतु गठित समिति की सिफारिश पर भारत सरकार द्वारा 22 दिसम्बर 2003 की राजपत्र में संसोधन करते हुए 31 जनवरी 2019 को संसोधित राजपत्र जारी कर ईसीबी एंड पीआर के पैरा 1 (i) में NPS राज्यांश राशि को 14 प्रतिशत करने केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया।
छत्तीसगढ़ राजपत्र 27 अक्टूबर 2004 के द्वारा 1 /11/2004 से छत्तीसगढ़ में एन पी एस योजना लागू किया गया, जिसमें राज्यांश राशि 10 प्रतिशत का प्रावधान किया गया।
केंद्र सरकार के निर्णय के 3 साल बाद छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 3 फरवरी 2022 को राज्यांश राशि को 14 प्रतिशत करने का संसोधित राजपत्र का प्रकाशन किया गया जिसमे बिंदु क्रमांक 2 के स्थान पर प्रतिस्थापित करते हुए निम्नांकित संसोधन किया गया
” राज्य शासन का मासिक अंशदान कर्मचारी के वेतन व मंहगाई भत्ते का 14 प्रतिशत होगा ”
एन पी एस योजना में कमी तभी तो केंद्र सरकार ने युक्तिसंगत बनाने कमेटी बनाया। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार द्वारा गठित कमेटी द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को युक्तिसंगत बनाने का शासन का मासिक अंशदान कर्मचारी के वेतन व मंहगाई भत्ते का 14 प्रतिशत करने का सुझाव दिया गया जिसे केंद्र सरकार ने 31 जनवरी 2019 को संसोधित राजपत्र जारी कर आदेश भी क्रियान्वयन कर दिया।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने स्पस्ट किया है कि एन पी एस योजना के प्रावधन से एन पी एस कार्मिक खुश नही है यह सरकार समझती व जानती है तभी तो उन्हें कमेटी गठन की आवश्यकता महसूस हुई।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत व छत्तीसगढ़ के प्रदेश संयोजक संजय शर्मा, राष्ट्रीय आईटी सेल प्रभारी बसंत चतुर्वेदी ने कहा है कि 14 प्रतिशत राज्यांश राशि इसका हल नही है, यह राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा को कतई स्वीकार नही है।
पुरानी पेंशन योजना को ही सरकार लागू करें।
राज्यांश राशि को सरकार अपने खजाने पर वापस ले लेवें तथा कर्मचारी अंश को जीपीएफ में कन्वर्ट कर 1976 का पेंशन योजना लागू करें।
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