छत्तीसगढ़ ब्रेकिंग: बैंक के चक्कर लगाने मजबूर अन्नदाता,बेचे गये धान की राशि पाने हो रहे परेशान….

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जगन्नाथ बैरागी

महासमुंद। समर्थन मल्य पर धान बेचने वाले किसानों में कई ऐसे किसान हैं जिन्हे धान बेचने के बाद भुगतान के लिए समिति और बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। पखवाड़ेभर से अधिक समय बीत चुका है लेकिन किसानों के खाते में बिक्री रकम अब तक नही पहुंची है।
इधर, बैंक प्रबंधन इसे तकनीकी समस्या बता जल्द ही रकम किसानों के खाते में पहुंचने की बात कह रहे है।

किसानों और समितियों के मुताबिक जिले में विगत आठ, नौ 11, 15 और 17 दिसंबर को धान बेचने वाले किसानों में से अधिकांश किसानों के खाते में बिक्री रकम अब तक नहीं पहुंच पाई है। इसकी वजह से किसान भुगतान की जानकारी के लिए समिति और बैंक के चक्कर काट रहे हैं। इधर, समिति भी किसानों को कोई जवाब नहीं दे पा रही है जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है। समिति भी यही बता रही है कि उक्त तिथियों में धान बेचने वाले अधिकांश किसानों के खाते में राशि नहीं पहुंची है। इसके लिए वे उनके पास पहुंच रहे हैं। बता दें कि भुगतान संबंधी समस्या से किसानों को हर साल जुझना पड़ता है।

क्या कहते हैं प्रभावित किसान-

किसान ब्रजभूषण साहू ने बताया कि उन्होंने विगत 17 दिसंबर को बरोंडाबाजार समिति में धान बेचा है, लेकिन उनके खाते में बिक्री की राशि अब तक नहीं पहुंची है। बैंक गए तो वहां की महिला कर्मी ने बताया कि उनके स्वयं की राशि ही खाते में नहीं आई है। किसान प्रहलाद साहू भी धान बेचने के बाद से लगातार समिति और जिला सहकारी बैंक में भुगतान के लिए चक्कर लगा रहे हैं। उनका कहना है कि वे विगत 17 दिसंबर के बाद 10 बार आ चुके हैं लेकिन उनकी समस्या यथावत है। किसान प्रेम चंद्राकर ने भी बताया कि उनके भी धान बिक्री की राशि नहीं पहुंची है।

97 हजार से अधिक किसान बेच चुके हैं धान-

जिले में अब तक 97210 किसान धान बेच चुके हैं। जिसमें से अधिकांश किसान भुगतान के लिए समिति और बैंक के चक्कर काट रहे हैं। ये तो महासमुंद ब्लाक में संचालित समितियों के किसान हैं। जिले में उक्त तिथि को धान बेचने वाले किसानों की संख्या सैकडों में है जो भुगतान के लिए भटक रहे हैं। हालांकि जिला सहकारी बैंक के पास इससे संबंधित कोई भी आंकड़ा नही है। उनका कहना है कि भुगतान रायपुर मुख्यालय से किसानों के खातों में होता है। इसलिए भुगतान न होने संबंधी किसानों का आंकड़ा मिलना संभव नही है।

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