रायगढ़ टाईम्स विशेष

सारंगढ़ नगरपालिका चुनाव विशेष:- मूलभूत सुविधाओं से वंचित सारंगढ़ का सबसे चर्चित वार्ड…! समस्याओं के समाधान पर ध्यान न देकर अपने स्टार प्रचारकों के भरोसे बैठे भाजपा-कांग्रेस.. !

जगन्नाथ बैरागी..

रायगढ़। एक कहावत जग जाहिर है-घर मे छोरा, बगल में ढिंढोरा… कुछ यही हाल हालही में नगरपालिका में जुड़े वार्ड क्रमांक 01 का है, जो हाल ही में सारंगढ़ नगरपालिका का हॉट सीट बन कर उभर रहा है। वार्ड 01 में जीत हासिल करने 05 प्रत्याशी मैदान में हैं जो अपने जीत के दावे भर रहे हैं, और इसके लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं,ऐसा मंजर बिरले ही देखने को मिलता है।

वर्तमान में नगरपालिका चुनाव भी बहुत महंगे हो चुके हैं जम कर काला धन बहाया जाता है? नेताओं की नजर में पैसा, पैसा होता है न काला न सफेद उद्देश्य चुनाव जीतना है। टिकट मिलने के बाद नामांकन के लिए ऐसे शानो शौकत से जाते हैं जैसे विजय जलूस, खुली जीप या ट्रकों पर डीजे के साथ सजाये गए मंचों पर उम्मीवार अपने एरिया की जनता को हाथ जोड़ते एवं हाथ हिलाते हुए निकलते हैं उनके साथ कार्यकर्त्ताओं की लम्बी भीड़ फूल बरसाती चलती है गाड़ियों की लम्बी कतारों का काफिला घरों की छतों घर की बालकनी पर तमाशा देखने वाले नजारा अब सारंगढ़ में आम हो चुके हैं। सड़को पर भारी जाम से त्रस्त लोग लंबे समय तक जाम खुलने का इंतजार करते हैं | भीड़ क्या वोट में परिवर्तित हो सकेगी इसकी गारंटी नहीं है | लेकिन सारंगढ़ में वर्तमान में चाहे कांग्रेस हो या भाजपा आज मूल मुद्दे से भटकते हुवे सिर्फ भीड़ पर ध्यान दे रही है।

वार्ड क्रमांक 01 में मूलभूत सुविधाओं की झलक रही कमी-

हमारी टीम ने जब वार्ड क्रमांक -01 का सर्वे किया तो स्पस्ट पाया कि वहां पानी की समस्या प्रमुख है,नाली के निर्माण और साफ सफाई में बिल्कुल ध्यान नही दिया जाता,मूलभूत सुविधाओं की कमी परिलक्षित हो रही है। लेकिन उम्मीदवारों को ये सब नही दिखाई दे रहा? दिख रहा है तो बस हम कौन से स्टार प्रचारक को अपने वार्ड में बुलाएं और खुद उनके साथ फोटो सेशन कर खुद का पीठ थपथपाएँ…?
बात लोगों को चुभेगी,और कुछ को पचेगी भी नही,क्योंकि ये वो सत्य है जो सबको हज़म नही होगी। लेकिन यहां जीत की आस लगाये कांग्रेस और न भाजपा प्रत्यासियोंको इसका भान है, न वो इनकी जरूरत समझ पा रहे है। जनता शोशल मीडिया के जमाने मे पहले की अपेक्षा जागरूक हो गयी है,लेकिन बड़ी पार्टियों के प्रत्यासियों को मूलभूत समस्याओं पर ध्यान की अपेक्षा अपने स्टार प्रचारकों पर शौड ज्यादा भरोसा है..! इनके कार्यकलापों से ऐसा भान होता है मानो तुम कितने स्टार प्रचारकों को बुला सकते हो या हम कितनो को बुला सकते हैं। लेकिन कांग्रेस-भाजपा दोनो भूल रहे हैं कि कोई भी सुपर-डुपर हिट फिल्म हो उसे दर्शक सिर्फ 3 घण्टे ही देखते हैं।

निर्दलीय प्रत्याशीयों को मिलेगा लाभ-

चाहे सत्ताधारी कांग्रेस हो चाहे भूतपूर्व वार्ड 01 विजेता बीजेपी दोनो ही मूलभत समस्याओं को दरकिनार कर सिर्फ अपने बलपर्दशन पे ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो कि वोटिंग में इनको प्रत्यक्ष प्रभावित करेगा ये हमारा सर्वेक्षण बता रहा है,खैर प्रत्येक प्रत्याशी को यही लगता है की वो जो कर रहे हैं वही सही है,और उनकी जीत शत प्रतिशत होगी।

बहरहाल देखते हैं मूलभूत सुविधाओं और समस्याओं को दरकिनार कर सिर्फ ताकत,पैसे और स्टार प्रचारकों के दम पर ये बड़ी पार्टियां क्या गुल खिलाती हैं। क्या ये विजयी घोषित होते हैं या मुंह की खानी पड़ती है ? क्योंकि- “ये पब्लिक है ये सब जानती है,पब्लिक है”…

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