देश में बच्चों और महिलाओं की आधी से ज्यादा आबादी में खून की कमी…..

नई दिल्ली : भारतीय आबादी (Indian Population) में खून की कमी यानि एनीमिया (Anaemia) को लेकर चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5) में यह देखने को मिला है कि देश में 6 से 59 महीने तक के बच्चे तथा 15 से 50 साल तक की लड़कियों-महिलाओं की आधी से ज्यादा आबादी खून की कमी से पीडि़त है.
शहरी और ग्रामीण भारत दोनों क्षेत्रों में बच्चों तथा महिलाओं में एनीमिया (Anemia) की शिकायत काफी अधिक दर्ज की गई है.
दरअसल, NFHS-5 देश में साल 2019 से लेकर 2021 के बीच पॉपुलेशन, प्रजनन, बाल स्वास्थ्य, पोषण तथा अन्य मानकों पर राज्यों को परखा गया. सर्वे रिपोर्ट में बच्चों और वयस्कों में एनीमिया (Anaemia among Children and Adults) को लेकर आंकड़ें प्रस्तुत किए गए हैं. इसमें बताया गया कि 6-59 महीने की आयु के बच्चे रक्ताल्पता से ग्रस्त हैं. शहरी क्षेत्रों में इनका प्रतिशत 64.2 है, जबकि ग्रामीण इलाकों में यह आबादी 68.3% है. इस तरह देश में 67.1% बच्चों में खून की कमी है. NFHS-4 में यह संख्या 58.6% थी.
: महाराष्ट्र में कोरोना के साथ खिलवाड़; इस घोर लापरवाही से तीसरी लहर को न्योता! पढ़िये ये रिपोर्ट
वहीं, 15-49 वर्ष की 57.2% गैर-गर्भवती महिलाएं जो रक्ताल्पता से ग्रस्त हैं. शहरी इलाकों में इनका प्रतिशत 54.1 तो गांव-देहात में यह 58.7 प्रतिशत है. इस तरह इस वर्ग में एनीमिया की शिकायत 4 प्रतिशत बढ़ी है. सर्वे के अनुसार, अगर 15-49 वर्ष की गर्भवती महिलाएं में रक्ताल्पता की बात करें तो इनकी संख्या 52.2% है. शहरों में यह आबादी 45.7% है तो गांवों में यह आबादी 54.3 प्रतिशत है.
15-49 वर्ष की 57 फीसदी लड़कियां-महिलाएं खून की कमी से पीड़ित हैं. 15-19 वर्ष की 59.1 % लड़कियां रक्ताल्पता से ग्रस्त हैं.
NFHS सर्वे: भारत में पहली बार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या हुई ज्यादा
अगर पुरुषों की बात करें तो 15-49 वर्ष की आयु के 25 प्रतिशत पुरुषों में खून की कमी पाई है. शहरों में इनकी संख्या 20.4 प्रतिशत तो गांवों में 27.4 फीसदी है. रिपोर्ट कहती है कि 15-19 वर्ष की आयु के 31.1 प्रतिशत युवा पुरुष एनीमिया से पीड़ित हैं. शहरों में इनकी तादात 25 प्रतिशत तो गांवों में 33.9 प्रतिशत है.
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने बुधवार को 14 राज्यों के सर्वेक्षण के साथ इसके दूसरे चरण की रिपोर्ट जारी की है. पहले चरण में 22 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की रिपोर्ट दिसंबर, 2020 में जारी की गई थी, जबकि नई रिपोर्ट में दोनों रिपोर्टों को मिलाते हुए राष्ट्रीय तस्वीर भी सामने आई है. एनएफएचएस-4 के तहत 2015- 16 में रिपोर्ट तैयार की गई थी.
- निःशुल्क सी.टी.टी. (महिला नसबंदी) अभियान को मिली रफ्तार, जिला अस्पताल सारंगढ़ बना भरोसे का केंद्र… - December 19, 2025
- जनपद सदस्य हीरा भैरवनाथ ने समाज को जोड़ने का दिया संदेश ….मानदेय की 20 प्रतिशत दिया समाजदान.. - December 19, 2025
- रेखा वैष्णव के नेतृत्व मे छत्तीसगढ़ वैष्णव महासभा रायगढ़ की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न..बैठक मे प्रांतीय उपाध्यक्ष लखन दास वैष्णव एवं प्रांतीय युवा अध्यक्ष विश्वनाथ बैरागी की उपस्थिति.. - December 18, 2025

