छत्तीसगढ़:प्रधान पाठक कर रहे अजीबोगरीब हरकतें… तंग आकर बच्चों को परिजन नहीं भेज रहे हैं स्कूल…

छ्त्तीसगढ़ के जशपुर जिले की एक सरकारी स्कूल में प्रधानपाठक की हरकतों से परेशान हो चुके परिजन अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं. इसके चलते बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है.
पूरा मामला पत्थलगांव विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला सिलिपखना का है.
इस स्कूल में दो शिक्षक पर 8 बच्चे हैं. इस स्कूल में प्रधान पाठक सखा राम सिदार समय पर नहीं पहुंच रहे हैं, जबकि कई बार तो वे पूरी तरह अनुपस्थित पाए गए हैं. ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के निरीक्षण में भी यह गंभीर स्थिति सामने आ चुकी है. इसके बाबजूद किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो पाई है.
ग्रामीणों ने लगाए ये आरोप
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि शासकीय प्राथमिक शाला सिलिपखना में पदस्थ प्रधान पाठक सखाराम सिदार समय पर नहीं पहुंचते हैं. स्कूल समय पर नहीं खोलते हैं. दोपहर 1:00 बजे स्कूल आते हैं. साथ ही अजीबोगरीब हरकतें करते रहते हैं. कई बार बच्चों की बेहरमी से पिटाई के कारण अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं.
करने लगा अजीब हरकतें
ग्रामीण बताते हैं कि प्रधान पाठक सखा राम सिदार ने एक महिला शिक्षक के साथ मारपीट भगा दिया है. तब से स्कूल को 24 घंटे खुला छोड़ दिया गया है. स्थानीय ग्रामीण होने का धौंस जमाते हुए मनमानी तरीके से स्कूल आता और जाता है. स्थानीय ग्रामीणों के बुलाबे पर जब मीडिया कर्मी स्कूल पहुंचे तो दोपहर 1:00 बजे शिक्षक सखा राम सिदार अजीबोगरीब हरकत करते हुए स्कूल आए.
मीडिया के सवालों पर पूछे जाने पर अपने आप को टॉपर और 3 गांव का बैगा होने की बात कहने लगा. साथ ही 2029 में विधायक का बनने का सपना देख रहा है. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक इसी प्रकार की हरकतें करते रहता है. जिससे गांव के लोग व बच्चे परेशान हैं.
घर नजदीक होने के कारण कोई कुछ नहीं बोलता है. बोलने पर पत्थर से मारने के लिए दौड़ाता है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. ग्रामीणों ने अधिकारियों से इस पर कार्रवाई की मांग की है. बता दें कि पूर्व में शासकीय प्राथमिक शाला बालमपारा में पदस्थ शिक्षक सखा राम सिदार शराब के नशे में धुत पाया गया था. उस समय इसे निलंबित कर दिया गया था.
ग्रामीण बोले- मानसिक इलाज हो
यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो बच्चों का भविष्य दांव पर लग सकता है. ग्रामीणों ने इस शिक्षक को हटाकर दूसरे शिक्षक की पदस्थापना कर पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार की मांग की है. साथ ही, इस शिक्षक का मानसिक इलाज के बाद स्कूल में पदस्थापना की बात कही है. विकासखंड शिक्षा अधिकारी विनोद पैंकरा ने बताया कि इस मामले को लेकर स्कूल का निरीक्षण किया गया है. अजीबोगरीब हरकत के बारे में जानकारी मिली है. जानकारी उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है. जल्द ही इस पर कार्रवाई की जाएगी.
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