सारंगढ़ मे रेडक्रॉस सोसायटी की स्मारिका हुई प्रकाशित…

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सारंगढ़ । जिला चिकित्सा एवं स्वा. अधिकारी डॉ एफ आर निराला को विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. सिदार ने रेड क्रास स्मारिका की एक प्रति सौंपें । रेड क्रॉस स्मारिका में छग प्रदेश के 33 जिलों में हुए कार्यों का लेखा – जोखा अभिव्यक्त है । जिसे विकास खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ सिदार ने डॉ. एफआर निराला जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सौंपें । उक्त शास. पत्रिका में सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के फोटो ग्राफ और समाचार का प्रकाशन हुआ है । डॉ सिदार ने बताया कि – रेड क्रॉस एक इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन है, इंटरनेशनल कमेटी , नेशनल सोसाइटी मिलकर इस संस्था का संचालन करती है । वैसे तो वर्ल्ड रेडक्रास सोसाइटी का काम हमेशा जारी रहता है । किसी भी बीमारी या युद्ध संकट में इनके वॉलेंटियर्स लोगों की सेवा में तत्पर रहते हैं, कोरोना काल में दुनियाभर में रेडक्रॉस ने आगे बढ़कर मानवता की सेवा की, इससे कोविड -19 महामारी के बाद रेडक्रॉस आंदोलन की अहमियत और भी अधिक प्रासंगिक हो गई है ।

डॉ एफआर निराला ने कहा कि – 1859 में स्विटजरलैंड के कारोबारी जीन हेनरी ड्यूनेंट ने इटली में सॉल्फेरिनो का युद्ध देखा, जिसमें में बड़ी तादात में सैनिक घायल हुए। उस दौरान किसी भी सेना के पास सेटअप नहीं था। ड्यूनेंट ने वॉलेंटियर्स का एक ग्रुप बनाया जिसने युद्ध में घायल जवानों तक खाना और पानी पहुंचाया, इसके बाद वर्ष 1863 में उन्होंने रेडक्रॉस सोसायटी की स्थापना की, इसका मुख्य उ‌द्देश्य मानव जीवन व स्वास्थ्य का बचाव करना है। रेड क्रॉस मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, स्वप्रेरित सेवा, एकता एवं सार्वभौमिकता के लिए जाना जाता है। रेडक्रॉस सोसायटी का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में है, इसे तीन बार (वर्ष 1917, 1944 और 1963) नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त हुआ है। वहीं इसके संस्थापक हेनरी ड्यूनेंट नोबेल शांति पुरस्कार के पहले विजेता थे। रेडक्रास सोसाइटी के द्वारा प्रदेश में जगदलपुर, दुर्ग तथा रायगढ़ में वृद्धाश्रम संचालित किया जा रहा है। वहां आश्रम में निवास रत वृद्धजनों को दैनिक आवश्यकता के समस्त सामग्री के साथ पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाता है। इस तरह इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी छग में मानव सेवा की दिशा में कई पुनित कार्य कर रही है ।

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