रायगढ़

रायगढ़: आबकारी टीम बिलासपुर पर जबरदस्ती कमरे में घुसकर लुट-पाट करने लगा आरोप.. आलमारी में रखे 1 लाख 20 हजार रूपये सहित सबूत मिटाने ढाबा में लगे सीसीटीव्ही डीबीआर का सेटअप भी ले गए आबकारी टीम..? पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल से ढाबा संचालक ने की लिखित शिकायत..

धरमजयगढ़। आबकारी विभाग धरमजयगढ़ की निष्कृता के कारण आये दिन धरमजयगढ़ क्षेत्र में शराब की अवैध बिक्री की खबर सूनने को मिलता है। धरमजयगढ़ क्षेत्र के ढाबों में खुलेआम शराब परोसे जा रहे हैं, अवैध शराब बिक्री पर उचित कार्यवाही नहीं होने के कारण आबकारी विभाग की बिलासपुर उडऩ दस्ता टीम को कार्यवाही करने के लिए धरमजयगढ़ विकासखण्ड आना पड़ा था, बिलासपुर उडऩ दस्ता टीम द्वारा धरमजयगढ़ के एक ढाबा में कार्यवाही करते हुए ढाबा संचालक के बेटे को जेल भेज दिया था। वहीं बिलासपुर उडऩ दस्ता टीम पर कई प्रकार के आरोप भी लगे हैं कि उडऩ दस्ता टीम द्वारा डरा धमका कर लोगों से अवैध उगाही भी किये हैं। वहीं उडऩ दस्ता टीम द्वारा 4 अप्रैल 2024 को बेहरामारा किंग ढाबा में छापामार कार्यवाही करने पहुंचे, ढाबा में छापा मारने पर शराब नहीं मिला तब आबकारी टीम द्वारा ढाबा में काम करने वालों को बोला कि कहां है

ढाबा मालिक तो काम करने वाले बोले कि मालिक घर में आराम कर रहे हैं, तब उडऩ दस्ता टीम द्वारा ढाबा संचालक अपने परिवारा के साथ सो रहे रूम का दरवाजा तोडऩे की कोशिश करने लगे, लेकिन आवाज सूनकर ढाबा संचालक ओमप्रकाश बेहरा उठ गये और दरवाजा खोला तब उसकी पत्नी बिस्तर पर सो रही थी लेकिन उडऩ दस्ता टीम फिर भी घर के अंदर घूस गई। और धमकाते हुए शराब की खोज बीन करते रहे लेकिन शराब नहीं मिला। लेकिन ढाबा संचालक द्वारा एसपी रायगढ़ को किये गये लिखित शिकयत के अनुसार आबकारी टीम द्वारा उनके अलमारी में रखे 1 लाख 20 हजार रूपये जबदस्ती निकाल लिए।

क्या आबकारी टीम बिलासपुर ने जबरदस्ती कमरे में घुसकर की लुट-पाट?

ढाबा संचालक द्वारा एसपी रायगढ़ को एक लिखित शिकायत करते हुए मांग की है कि घर के अंदर घूसकर जबदस्ती लूट-पाट करने वाले आबकारी बिलासपुर उडऩ दस्ता टीम पर उचित कार्यवाही करें। एसपी को दिये शिकायत में बताया कि ओमप्रकाश बेहरा पिता गुरु बेहराए निवासी ग्राम गुनुन्द किंग ढाबा का संचालन करता हूं। 4 अप्रैल 2024 को करीबन 2.30 बजे महिन्द्रा स्कार्पियों से 5-6 लोग मेरे ढाबा में आए और मेरे कामगारों को बोले कि हम लोग आबकारी विभाग बिलासपुर से आए हैं ढाबा का मालिक कहां है बोले तो मेरे कामगारों ने कहा कि वे सो रहे हैं अपने कमरे में तब आबकारी टीम द्वारा मेरे कमरे का दरवाजा अठखटाया, मैं अपनी पत्नी के साथ आराम कर रहा था और कूलर चल रहा था ।

जिसके आवाज में मुझे सुनाई नहीं दिया तो आबकारी टीम ने मेरे कमरे के दरवाजे को तोडऩे की कोशिश किये। मैं हल्ला-गुल्ला सुनकर जैसे ही दरवाजा खोला तो 4-5 आदमी मेरे कमरा अंदर जबरदस्ती घुस गए जिसमें कोई महिला स्टॉफ नहीं थी और मेरी पत्नी बिस्तर में लेटी हुई थी जिससे मुझे एवं मेरी पत्नी को बहुत शर्मिन्दगी महासूस हुई। जब मैंने कमरे में घुस रहे लोगों से पूछा तो वे आबकारी बिलासपुर से अपना नाम विक्रम आनंद, मुकेश पाण्डेय बताये और साथ में उनके स्टॉफ चौबे और मुस्ताक अंसारी कमरे में घुसकर तलासी करने लगे और मेरे सामने मेरे आलमारी से लगभग 1 लाख 20 बीस रूपये निकाल लिये मेरे द्वारा मना किये जाने पर विक्रम आनंद ने मेरा मोबाईल छिनकर मुझे अपनी स्कार्पियों वाहन में बैठा दिया, और मेरे ढाबा में लगे सीसीटीव्ही कैमरा के डीबीआर सहित पूरा सेटअप को एलईडी और कैमरा छोड़कर साक्ष्य मिटाने के नीयत से अपने साथ रख लिये ढाबा में हल्ला-गुल्ला सुनकर रास्ते से गुजर रहे गांव के ही भानूप्रताप बेहरा और चन्द्रमणी सिंह राजपूत ढाबा आए और घटना को देखे।

आबकारी टीम ने मुझे कुड़ेकेला-आमापाली के रास्ते प्रेमनगर फौजी ढाबा लेकर गए जहां फौजी बाबा में भी आबकारी टीम द्वारा तलाशी किया गया वहां भी कुछ नहीं मिला तो सीधे शाहपुर चले गए जहां मुझे एक कोरे कागज में जबरदस्ती बलपूर्वक डरा-धमकाकर दस्तखत करवाये और घर से पैसा मंगवाने के लिये दबाव बनाया गया जिस पर मैंने अपने कहा कि सारा पैसा आप निकाल लिये हो और कहां से पैसा लाउं तब विक्रम आनंद द्वारा बोला गया कि काउंटर में जो भी होगा उसे मंगवाओ नहीं तो तुम्हें नहीं छोड़ेंगे तब मैं अपने मोबाईल फोन से भानू प्रताप बेहरा को फोनकर जितना भी काउंटर मैं पैसा है उसे लेकर शाहपुर आने को कहा जिसके बाद भानूप्रताप बेहरा ने 720 रूपये काउंटर से निकालकर शाहपुर आकर विक्रम आनंद को दिया। जिसके बाद मुझे अपने स्कार्पियो वाहन से उतार दिये फि र मैं भानूप्रताप के साथ मोटर सायकल से अपने घर आ गया और मैं काफी डरा सहमा हुआ था

मेरे कमरे में बिना महिला स्टॉफ के घुसकर तलासी किया गया जहां मेरी पत्नी बिस्तर में सोई हुई थी जिससे मेरे मान-सम्मान को बहुत ठेस पहुंचा है जिस कारण मैं एवं मेरी पत्नी संगीता चन्द्रा मानसिक एवं आर्थिक परेशानियों से गुजर रहे हैं जिस कारण मैं घटना की सूचना देने तत्काल थाना नहीं जा पाया। ग्रामीणों एवं मित्रों द्वारा ढांढस बंधाये जाने के बाद हिम्मत करके आपके समक्ष घटना की जानकारी देने आया हूं। श्रीमान् जी से निवेदन है कि उक्त घटनाक्रम की जांच करते हुए सारी घटनाक्रम जोकि सीसीटीव्ही कैमरे में कैद होगी जिसका डीबीआर, डाटा आबकारी टीम द्वारा ले जाया गया है जिसकी जांच कर उक्त लोगों के खिलाफ उचित कार्यवाही करने की महान कृपा करें।

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