रायगढ़ मे नकली फफूंदनाशक दवा बनाने वाले पर तीन महीने बाद केस दर्ज , कृषि विभाग ने की थी कार्यवाही….
17 नवंबर को अटल चौक से थोड़ी दूर पर छातामुड़ा में एक घर से लाखों रुपए की नकली फफूंदनाशक दवा, पैकिंग कागज और उपकरण मिले हैं। पुलिस ने मामले में तीन महीने बाद मकान मालिक पर धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज किया है। कंपनी की शिकायत पर कृषि विभाग की टीम ने जब घर पर छापा मारा तो यहां कुछ कामगार नकली दवा की पैकिंग में लगे थे। विभाग ने प्रकरण दर्ज कर 8 दिसंबर को जूटमिल पुलिस को शिकायत दी थी। पुलिस महीनों तक इस गोरखधंधे के मास्टरमाइंड को तलाशती रही, कोई हाथ नहीं लगा तो आखिर में जहां अवैध पैकिंग हो रही थी, उस मकान के मालिक पर धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज किया है।
7500 रुपए किलो के भाव वाली फफूंदनाशक दवा बनाने वाली कंपनी बायर्स क्रापसाइंसेज के प्रतिनिधियों को रायगढ़ में उनके ब्रांड के नाम पर नकली दवा बेचे जाने की जानकारी मिली थी। फसल पर फफूंद न लगे इसलिए इस दवा के खरीदार लगभग सभी छोटे बड़े किसान होते हैं। कुछ जगहों से दवा के असरकारी नहीं होने की शिकायत भी कृषि विभाग को मिली थी। कृषि विभाग ने छापा मारा तो यहां फफूंदनाशक के नकली रैपर और चार बोरों में नकली पाउडर जब्त किया। जिस भवन पर कार्रवाई हुई वह मदन प्रसाद का बताया
गया। कलेक्टर कोर्ट में मामला पेश किया गया। कामगारों ने पूछताछ में यह नहीं बताया कि आखिर में दवा किसके कहने पर बनाई जा रही है। 21 नवंबर को विभाग ने मदन प्रसाद को नोटिस देकर जवाब मांगा। 24 को नवंबर को उसे जवाब दिया लेकिन जवाब संतोषजनक नहीं होने पर कीटनाशी इंस्पेक्टर उसत राम पटेल ने मकान मालिक मदन प्रसाद धनुहार के खिलाफ एफआईआर के लिए जुटमील थाना में आवेदन दिया।