छत्तीसगढ़: कमीशनखोरी का आडियो व वीडियो प्रसारित : लिपिक व उपअभियंता पर निलंबन की गाज….

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सरगुजा जिले में भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी चरम पर है।कमीशनखोरी का आलम यह है कि अधिकारी-कर्मचारी ही एक -दूसरे की पोल खोलने में लगे हुए हैं। ऐसे ही एक मामले में सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार ने कड़ी कार्रवाई की है।
जिले के जनपद पंचायत लुण्ड्रा में पदस्थ उप अभियंता रावेन्द्र यादव और सहायक ग्रेड – दो सतीश सिंह को कलेक्टर कुंदन कुमार ने निलंबित कर दिया गया है। रिश्वत लिए जाने के संबंध में इंटरनेट मीडिया पर उप अभियंता की प्रसारित वीडियो और सहायक ग्रेड दो के प्रसारित आडियो पर कलेक्टर द्वारा तत्काल संज्ञान लेते हुए जांच प्रतिवेदन में तथ्य प्रमाणित पाए जाने के फलस्वरूप इन्हें तत्काल निलंबित किया गया है। एक दूसरे को कमीशनखोर बताने के चक्कर में मामला सार्वजनिक हुआ था।

निलंबन अवधि में सहायक ग्रेड दो सतीश सिंह का मुख्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास के कार्यालय में नियत किया गया है और उप अभियंता रावेन्द्र यादव का मुख्यालय कार्यपालन अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के कार्यालय में नियत किया गया है। इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी। लंबे समय बाद कलेक्टर ने किसी अधिकारी-कर्मचारी को निलंबित किया है। वीडियो और आडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित होने के बाद प्रशासन की भी किरकिरी हो रही थी। कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लिया था। जांच में दोनों अधिकारी-कर्मचारी एक दूसरे को सही ठहराने की कोशिश में लगे थे लेकिन सभी तथ्यो की जांच में आरोप प्रमाणित संबन्धी प्रतिवेदन कलेक्टर तक पहुंचा था। इसी आधार पर कार्रवाई हुई है।

पहले लिपिक का कमीशन मांगते आडियो हुआ था प्रसारित

पिछले कुछ दिनों से इंटरनेट मीडिया पर एक आडियो और एक वीडियो तेजी से प्रसारित हो रहा था। दोनों कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार से जुड़े आडियो और वीडियो थे। आरोप लग रहा था कि जनपद कार्यालय लुंड्रा में पदस्थ सहायक ग्रेड दो सतीश सिंह द्वारा उप अभियंता रावेंद्र यादव से जनपद क्षेत्र में हुए निर्माण कार्यों के एवज में कमीशन की मांग की जा रही थी। दोनों के बीच कमीशन को लेकर बातचीत का यह आडियो था। हालांकि इस तथ्य की पुष्टि नहीं हो पा रही थी कि कमीशनखोरी को लेकर प्रसारित आडियो इन दोनों अधिकारियों का ही है। शासकीय विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि यह प्रसारित आडियो सहायक ग्रेड दो सतीश सिंह और उप अभियंता रावेंद्र यादव का ही था। इसी आधार पर इन दोनों को निलंबित किया गया है।इस आडियो को शासकीय कर्मचारी द्वारा ही प्रसारित किए जाने का आरोप लग रहा था।

अगले दिन उप अभियंता का रिश्वत लेते वीडियो हुआ था प्रसारित –

जनपद के सहायक ग्रेड दो सतीश सिंह द्वारा कमीशन मांगे जाने संबंधी आडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित होने के अगले दिन ही एक वीडियो भी तेजी से प्रसारित हुआ था। इस वीडियो में जनपद में पदस्थ उप अभियंता रावेंद्र यादव द्वारा एक पंचायत प्रतिनिधि से नकद रकम लिए जाने का आरोप लग रहा था। इसमें दो लोग नजर आ रहे थे और दोनों के बीच बातचीत भी हो रही थी हालांकि उप अभियंता ने यह दावा किया था कि यह कमीशन की राशि नहीं बल्कि शासकीय प्रविधानों के तहत जांच के लिए लिया जाने वाला शुल्क था। इसके आवाज में बाकायदा रसीद भी जारी की गई थी। हालांकि प्रशासनिक जांच में यह मामला भी कमीशन खोरी का ही प्रमाणित पाया गया। सूत्रों के अनुसार दोनों अधिकारियों ने एक दूसरे को कमीशनखोर बताने के चक्कर में यह चूक की थी। इसी चूक का खामियाजा अब उन्हें भुगतना पड़ा है।

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