सारंगढ़ : रक्षाबंधन में मायके नहीं जा पाने के गम में राजमिस्त्री की नवविवाहिता पत्नी ने लगाई फांसी…

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सारंगढ़। रक्षाबंधन में मायके नहीं जा पाने के गम में राजमिस्त्री की नवविवाहिता इस कदर डूबी कि दूधमुंहे बच्चे को पति के गोद में सौंपते हुए बन्द कमरे में उसने फांसी लगा ली। यह दुखद प्रसंग सारंगढ़ जिले का है। पुलिस सूत्रों के अनुसार सारंगढ़ के ठाकुरदिया में रहने वाले राजमिस्त्री सनत सिदार ने 3 साल पहले मालखरौदा के ग्राम बोन्दाडीह निवासी सुभद्रा (27 वर्ष) के साथ सामाजिक रीति रिवाज से शादी की थी। विवाहोपरांत, सुभद्रा का 10 महीने का एक बच्चा भी है। सुभद्रा रक्षाबंधन पर्व में अपने पीहर जाना चाहता थी, मगर पैसे की व्यवस्था नहीं होने पर सनत ने उसे अपनी मजबूरी बयां करते हुए बाद में जाने की बात कही। ऐसे में वह निराश रहती थी।
बीते मंगलवार सुबह ढलाई काम में निकलने से पहले सनत के लिए खाना पकाने वाली सुभद्रा ने उसे नाश्ता भी दिया। सनत की गोद में दूधमुंहे बच्चे को रखते हुए सुभद्रा अपने कमरे चली गई। कुछ देर बाद मासूम बच्चे के रोने पर सनत ने सुभद्रा को बुलाने के लिए आवाज लगाई, मगर कोई जवाब नहीं मिला। ऐसे में जब वह बीवी को बुलाने गया तो कमरे के दरवाजे को भीतर से बन्द पाया। काफी खटखटाने और चिल्लाने के बाद भी जब सुभद्रा शांत रही। फिर, किसी अनहोनी की आशंका होने पर सनत ने फावड़े से दरवाजा तोड़ते हुए कमरे के अंदर पहुंचा तो वहां का नजारा देझ एकबारगी उसकी रूह तक कांप उठी, क्योंकि उसकी पत्नी फांसी के फंदे पर झूल रही थी।
बदहवास राजमिस्त्री ने अपने कंधे में सुभद्रा के दोनों पैर को टिकाते हुए चीख चीत्कार मचाकर आसपास के लोगों को बुलाया। सुभद्रा को जब फंदे से नीचे उतारा गया तो उसकी सांसें चल रही थी लिहाजा आनन-फानन में वाहन व्यवस्था कर उसे समीपस्थ अस्पताल लेकर गए तो उसकी अधमरी हकत को देख डॉक्टरों ने रायगढ़ भेज दिया। तदुपरांत, सुभद्रा को मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल लाकर दाखिल की गया, लेकिन सघन इलाज के बाद भी गुरूवार रात करीब 10 बजे उसके प्राण पखेरू उड़ गए। मेकाहारा के वॉर्ड ब्वॉय की तहरीर पर पुलिस मर्ग कायम कर नवब्याहता के खुदकुशी के पीछे की वजह जानने के लिए छानबीन कर रही है।

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