छत्तीसगढ़

कोयले की काली कमाई के भंवर में फंसी पूर्व कलेक्टर रानू साहू ! नियम विरूद्ध वसूली बना कैरियर का काला अध्याय…..

कोरबा में पदस्थ रही कलेक्टर रानू साहू को कोयला परिवहन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया। छत्तीसगढ़ कैडर के 2010 बैच की आइएएस रानू पर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भ्रष्ट होने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी।
ईडी की कार्रवाई से मंत्री के आरोपों की पुष्टि हो गई। 25 रूपये टन के हिसाब से कोयला परिवहन की अनुमति के लिए खनिज विभाग के माध्यम से करोड़ों रूपये की अवैध वसूली की गई। सूर्यकांत तिवारी इस पूरे खेल के मास्टरमाईंड रहा। उसे ईडी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

रानू साहू कोरबा में करीब एक साल पदस्थ रहीं। इस दौरान उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप ने उनका कैरियर बर्बाद कर दिया। कोरबा के बाद उन्हे रायगढ़ का कलेक्टर बनाया गया था। वहां पदस्थ रहते ईडी ने उनके घर दबिश दी। उसके बाद ईडी ने कुल तीन बार छापामार कार्रवाई की। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेवी स्कैम में उनका नाम जुड़ता रहा है। सूत्रों की माने तो कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी से उनकी करीबी रही और कोल लेवी स्कैम में उनकी प्रमुख भूमिका है। कोरबा में कोयला परिवहन के बदले प्रति टन 25 रूपये की वसूली से रानू साहू का नाम जुड़ा। उनके कोरबा कार्यकाल के दौरान सूर्यकांत तिवारी का भी कोरबा आना जाना लगा रहा। यही नहीं सूर्यकांत को एक कोल वासरी खरीदने में अपने पावर का दुरूपयोग कर रानू ने मदद की। स्थानीय विधायक और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के साथ उनका टकराव खुलकर सामने आया।

नियम विरूद्ध वसूली बना कैरियर का काला अध्याय

रानू साहू अपने स्कूल जीवन में मेधावी विद्यार्थी रही। जिनका जन्म छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के पांडुका में हुआ था। राज्य प्रशासनिक सेवा से 2005 में वह डीएसपी बन गई थी। इसके बाद वह 2010 में आइएएस के लिए चुनी गई। उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर ही मिला। वह कांकेर जिले में कलेक्टर रहीं, इसके बाद उन्हें पांच जून 2021 को कोरबा जिले का कलेक्टर बनाकर भेजा गया। कोरबा जिले में पदस्थ रहते उनका प्रशासनिक दबदबा शीर्ष पर रहा लेकिन नियम विरुद्ध कोयला परिवहन में लेवी वसूली उनके कैरियर का काला अध्याय बन गया।

खनिज अधिकारी नाग पहले ही हो चुके गिरफ्तार

परिवहन घोटाले में प्रमुख भूमिका तात्कालिक जिला खनिज अधिकारी एसएस नाग की रही। सूर्यकांत के इशारे पर परिवहन का परमिशन का नाग दिया करते थे। कुछ माह पहले ही ईडी नाग को गिरफ्तार कर चुकी है। बेहद गंभीर बात यह है कि इस घोटाले के बाद भले ही लेवी वसूली बंद हो गई हो लेकिन अभी भी एसइसीएल के कोयला खदानों में भारी तादाद में कोयला चोरी का सिलसिला बदस्तूर जारी है।

डीएमएफ की लाइजनिंग व मनी लांड्रिंग में घिरे आयुक्त

ईडी कोयला परिवहन के साथ खनिज न्यास मद (डीएफ) के साथ मनी लांड्रिंग की भी जांच कर रही। शुक्रवार को रानू साहू के अलावा राज्य सेवा राज्य सेवा के अफसर व नगर निगम के आयुक्त प्रभाकर पांडेय के सरकारी आवास में ईडी ने दबिश दी। पांडेय एक दिन पहले ही कोरबा से बाहर चले गए थे। पूरे दिन ईडी के अधिकारी घर की जांच पड़ताल कर दस्तावेज खंगाले। बताया जा रहा है सोमवार को रायपुर स्थित ईडी कार्यालय पहुंचने की नोटिस पांडेय के स्वजनों को दिया गया है। दूसरे दिन भी वे कोरबा वापस नहीं लौटे। डीएमएफ की लाइजनिंग व मनी लांड्रिंग के घेरे में वे आस सकते हैंं। राजधानी रायपुर के तेलीबांधा स्थित कुसुम विला में आयुक्त पांडे के सीए अनूप गुप्ता के निवास में भी ईडी ने जांच पड़ताल की है। पांडे ने छापे के एक दिन पहले ही पुराने सरकारी कर्मचारियों को बदला था।साथ ही घर में लगे आठ सीसीटीवी कैमरे भी निकलवा दिए थे।

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