राष्ट्रीय राष्ट्रभाषा स्वाभिमान विदश्री से सम्मानित हुए डॉ उमेश दुबे

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बिर्रा -इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्रहालय के द्वारा पुण्य सलिला वैनगंगा के तट पर बसा बालाघाट में राष्ट्रीय साहित्य एवं पुरातत्व का 21वां तथा प्रथम अनोखा महाभव्य अनुष्ठान रविवार 26 फरवरी को सहयोगात्मक रूप से सादगी पूर्वक आयोजित हुआ।इस अवसर पर 19 राज्यों से प्रतिष्ठित साहित्य विद इतिहास विद समाजशास्त्री शिक्षाविद पत्रकार बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथि द्वारा मां सरस्वती पूजन सरस्वती वंदना स्वागत गीत पश्चात गंगोत्री वार्षिक पत्रिका का विमोचन किया गया जिसके प्रधान संपादक श्रीमती कविता गहरवार हैं तथा अन्य पत्र-पत्रिकाओं का विमोचन अतिथि द्वारा किया गया। पुरातत्व एवं साहित्य संगोष्ठी कार्यक्रम में देश भर से आए अनेक ज्ञाताओं ने भाग लिया और अपना विचार साझा किया।द्वितीय चरण दोपहर में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रहे और अपनी अलग एक छवि बनाए हैं उनके इस उत्कृष्टता और रचनात्मक कार्यों का परीक्षण करने के बाद उन्हें इतिहास एवं पुरातत्व संस्थान के द्वारा डॉ उमेश दुबे को राष्ट्रीय राष्ट्रभाषा स्वाभिमान विदश्री उपाधि से सम्मानित किया गया।इससे पूर्व इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्रहालय बालाघाट के द्वारा 2022 में उमेश दुबे को वाचस्पति मानद डायरेक्टर उपाधि से विभूषित हो चुके हैं।

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