4 महीने से स्कूल छोड़ घर बैठने को विवश सात छात्राएं,एक कि तो 10 दिन बाद शुरू होगी बोर्ड की परीक्षा….

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हरियाणा के फतेहाबाद जिले के भूना क्षेत्र में छेड़छाड़ और स्कूल की वैन में फूहड़ गीतों के बजाय जाने से तंग आकर एक छात्रा ने चालक की प्रिसिंपल से शिकायत कर दी। इस शिकायत का खामियाजा चार महीने से सात छात्राओं को घर बैठने के लिए विवश होना पड़ रहा है।

स्कूल संचालक ही ने दो भाइयों की सात बेटियों को ही स्कूल में पढ़ाने से इन्कार कर दिया। शिक्षा विभाग ने इन बेटियों की पढ़ाई की व्यवस्था कराने में नाकाम है। पीड़ित छात्राएं गृह मंत्री से लेकर बीईओ तक स्कूल में पढ़ाई के लिए गुहार लगा चुकी हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

बता दें कि पीड़िता के बयान पर स्कूल डायरेक्टर, एक अध्यापक व वैन चालक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट सहित गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। इसलिए संबंधित प्राइवेट स्कूल में छात्राएं अब जाना भी नहीं चाहती हैं। स्कूल प्रबंधन भी छात्राओं को पढ़ाने के लिए तैयार भी नहीं है। एक दसवीं कक्षा की छात्रा की पढ़ाई ज्यादा प्रभावित हो रही है क्योंकि दस दिन बाद बोर्ड परीक्षा शुरू होगी। इस कारण छात्रा का भविष्य दांव पर लगा हुआ है।

घर में दो भाइयों की सात बेटियां
इस प्राइवेट स्कूल में एक घर की दो भाइयों की सात बेटियां पिछले कई वर्षों से पढ़ाई करती आ रही हैं। इनमें बड़ी लड़की दसवीं कक्षा, दो सातवीं, एक चौथी कक्षा तथा एक-एक दूसरी, पहली और यूकेजी कक्षा में छात्राओं का दाखिला है। मगर, 14 अक्तूबर 2022 को स्कूल वैन में फूहड़ गीत चलाने को लेकर छात्राओं ने चालक की शिकायत प्रिंसिपल से कर दी थी।

प्रिंसिपल की फटकार के बाद ड्राइवर ने वैन में लगा स्टीरियो हटा दिया। आरोप है कि ड्राइवर ने एक अध्यापक से उपरोक्त छात्रा की बिना कसूर पिटाई करवा दी। इसकी जानकारी छात्रा के परिजनों को मिली। इस पर छात्राओं के परिजनों ने ड्राइवर की पिटाई कर दी। चालक ने मारपीट का छात्राओं के परिजनों पर केस दर्ज करा दिया था।

वहीं, प्राइवेट स्कूल ने सात छात्राओं को पढ़ाने से इन्कार कर दिया। इसके बाद, एक छात्रा (13) ने वैन में फूहड़ गीत चलाने व छेड़छाड़ करने के मामले को लेकर पुलिस में 2 फरवरी को शिकायत दे दी। पुलिस ने कानूनी सलाह के बाद स्कूल डायरेक्टर, अध्यापक तथा चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

बेटियों की पढ़ाई की सताने लगी चिंता
पीड़ित छात्रा के पिता ने बताया कि वह चार एकड़ जमीन का छोटा सा किसान है। अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिए उसने प्राइवेट स्कूल में दाखिला दिलवाया। पीछे की कोई भी फीस बकाया नहीं है। उनकी बेटियों के साथ छेड़छाड़ चालक ने की और सूचना देने के बाद भी स्कूल संचालक ने ड्राइवर का पक्ष लिया। अब बेटियों की पढ़ाई की चिंता सता रही है। पिछले चार महीनों से उनकी बेटियां घर पर बैठी हुई है। शिक्षा विभाग के अधिकारी कोई भी समाधान करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

हमें जिसका डर था, वह हो गया : डायरेक्टर

प्राइवेट स्कूल के डायरेक्टर ने बताया कि वैन चालक के साथ मारपीट की गई थी। इसलिए हम जिस बात को लेकर डर रहे थे, वही आरोप लगा दिए गए। अधिकारियों के आदेश के बाद हम छात्राओं को पढ़ाने के लिए तैयार थे, लेकिन अभिभावक वैन को ढाणी में भेजने पर अड़े हुए थे। छात्राओं को अब भी हम पढ़ाने के लिए पीछे नहीं हट रहे हैं।

पिछले एक माह तक दोनों पक्षों के बीच विवाद निपटाने के लिए प्रयास किए गए। छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित होने के चलते चार महीनों की स्कूल फीस माफ करने के आदेश दिए थे। परंतु स्कूल प्रशासन व छात्राओं के अभिभावकों में विश्वास नहीं रहा। दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई हुई है। हमारा प्रयास था कि छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित न हो, लेकिन दोनों ही पक्षों ने इसे प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया। -जगदीश सेवदा, बीईओ, भूना

छात्राओं के अभिभावकों व स्कूल प्रबंधन के बीच विवादास्पद हालात हो गए। शिक्षा विभाग ने छात्राओं को स्कूल में पढ़ाई के लिए बुलाया था। मगर, उनके अभिभावक मानने को तैयार नहीं है। दोनों ही पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई हुई है। शिक्षा विभाग का इसमें अब कोई भी दखलबाजी का औचित्य नहीं रहा। -दयानंद सिहाग, जिला शिक्षा अधिकारी, फतेहाबाद