छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ दिखा दुर्लभ प्रजाति का चमगादड़, शरीर पर नारंगी -काले धब्बे और 38 दाँत…

छत्तीसगढ़ की कांगेर वैली में दुर्लभ प्रजाति का चमगादड़ मिला है. इसका रंग नारंगी है और शरीर पर नारंगी-काले रंग के धब्बे हैं. यह चमगादड़ बस्तर स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में एक केले के पेड़ के नीचे घोसला बनाकर रह रहा था.

खास बात यह है कि इसे वैश्विक स्तर पर विलुप्तप्रायः श्रेणी में रखा गया है. देश में अब तक तीन बार ही चमगादड़ की यह प्रजाति देखने को मिली है. इसके मुंह में 38 दांत हैं और इसे इसकी खूबसूरती के चलते इसे बटरफ्लाई चमगादड़ भी कहा जाता है.

बस्तर की कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान कई दुर्लभ जीव-जंतु मिलने के लिए प्रसिद्ध है. अब अपनी तरह के इस अनोखे चमगादड़ के मिलने को वन विभाग बड़ी उपलब्धि मान रहा है. ऐसा लगता है कि किसी ने बेहद ही खूबसूरती के साथ इसे पेंट किया है. फिलहाल यह अनोखा जीव सेंटर ऑफ अट्रैक्शन बना हुआ है. इसे विलुप्तप्राय श्रेणी में रखा गया है. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में अबतक करीब 200 प्रजातियों के पक्षियों के पाए जाने के प्रमाण मिले हैं.

सिर का वजन 5 ग्राम और 38 दांत हैं

पक्षियों पर शोध कर रहे ऑर्निथोलॉजिस्ट रवि नायडू बताते हैं कि आमतौर पर इसे पेंटेड बैट के नाम से जाना जाता है, जबकि इस चमगादड़ का वैज्ञानिक नाम केरीवोला पिक्टा है. ये सामान्यतः सूखे इलाकों, सूखे केलों के पौधों के नीचे घोंसला बनाकर रहते हैं. इनके सिर का वजन करीब 5 ग्राम का होता है. चमगादड़ की ये प्रजाति भारत, चीन समेत कुछ एशियाई देशों में ही पाई जाती है. इसे 2019 में केरल, फिर 2020 में ओडिशा में देखा गया था.

नेशनल पार्क के संचालक और DFO गणवीर धम्मशील ने बताया कि पार्क में दिखने वाली दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों इसके अलावा वन्य जीवों के संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार विभाग प्रयास करता आया है. चमगादड़ की ‘केरिवोला पिक्टा’ यह प्रजाति नेशनल पार्क में दिखना पूरे प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. निश्चित तौर पर इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए विभाग की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं.

प्रजनन के लिए वैज्ञानिकों से ले रहे राय

डीएफओ धम्मशील ने बताया कि, पक्षियों पर शोध कर रहे हैं वैज्ञानिको की मदद से पता लगाया जा रहा है कि इन चमगादड़ो को किस तरह का वातावरण पसंद है और यह खाते क्या हैं और इनकी संख्या में बढ़ोतरी और प्रजनन के लिए इन्हें किस तरह का माहौल और वातावरण उपलब्ध हो इसकी भी जानकारी ली जा रही है. ताकि दुर्लभ और अनोखी प्रजाति का यह चमगादड़ इस नेशनल पार्क की शान बना रहे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *