सारंगढ़: क्या ईमानदारी और सख्ती से परेशान हो सारे भ्रस्टाचारी एकजुट होकर निष्ठावान कलेक्टर डी राहुल वेंकट के तबादले पर लगाए थे जोर?.. या क्रशर माफिया के कारण ट्रांसफर हुए कलेक्टर राहुल वेंकट? पूछती है सारंगढ़ की जनता……

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सारंगढ़: संवेदनशीलता, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा अगर तीनो की परिभाषा एक साथ देनी हो तो आप कलेक्टर डी राहुल वेंकट का नाम ले सकते हैँ। अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहने वाले ना किसी लालच ना डर के आम जनता के हितों को सर्वोपरि रखने वाले कलेक्टर का महज 02 माह बाद ट्रांसफर हो जाना राजनितिक विश्लेषकों से लेकर आम पब्लिक के जुबान है।
ये वही क्लेक्टर थे जिन्होंने एक ब्लॉक को जिला का मूर्त रूप देने अपना सर्वस्व झोंक दिया था। डी राहुल वेंकट एक ऐसे कलेक्टर थे जिनके पास सारंगढ़ की आम जनता भी जाकर अपनी समस्याओं को रखते थे जिनका यथोचित त्वरित निराकरण भी श्री वेंकट करते थे। ये वही कलेक्टर थे जो बिना किसी लालच के या दबाव के
क्रशर संचालकों को चेतावनी देते हुए कहा था कि नियम से ही काम करें। अवैध कारोबार करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोई कहीं से भी पहुंच बताए लेकिन गलत काम नहीं करने दिया जाएगा। ये वही कलेक्टर थे जिन्होंने राजनेताओं को कहा था की आप और हम जनता के राजा नहीं सेवक हैं। ऐसे शख्स का तबादला महज 02 महीने मे होना जनता के मन से उतर नही पा रही !
पहले से भी सारंगढ़ ब्लॉक में जब भी किसी आईएएस की पोस्टिंग हुई है, सुर्खियां बनी हैं। कुछ न कुछ ऐसा हुआ है जो चौक-चौराहों में चर्चा का कारण बना है। इस बार भी वही हुआ। दो-तीन महीने में ही नवगठित जिले के कलेक्टर को बदल दिया गया। इस तबादले को भ्रष्टाचार पर सख्ती से जोड़ा जा रहा है।

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला बनाने के लिए ओएसडी के रूप में नियुक्त आईएएस डी राहुल वेंकट को दो महीनों में ही कलेक्टर पद से हटाकर डॉ फरिहा आलम सिद्दीकी को पदस्थ किया गया है। बताया जा रहा है कि क्रशर माफिया उनकी ईमानदारी से बहुत परेशान थे। सारंगढ़ और बरमकेला तहसील में स्थापित सौ से ज्यादा क्रशरों का 80 प्रश से अधिक कारोबार रायगढ़ जिले में ही होता है। क्रशरों से अवैध खनन और बिना टीपी परिवहन के कई मामले सामने आए। इस पर राहुल वेंकट ने एक बैठक भी ली थी।

सूत्रों के मुताबिक उन्होंने क्रशर संचालकों को चेतावनी देते हुए कहा कि नियम से ही काम करें। अवैध कारोबार करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोई कहीं से भी पहुंच बताए लेकिन गलत काम नहीं करने दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि कई महीनों से कारोबार बंद करके बैठे क्रशर संचालक अचानक इस सख्ती से एकजुट हो गए। उन्हें उम्मीद थी कि कलेक्टर कुछ ढील देंगे। इसके विरुद्ध उन्होंने लॉबिंग करते हुए शासन से शिकायत करवा दी। रायपुर में भी सरकारी सिस्टम अस्त-व्यस्त पड़ा हुआ है। हड़बड़ी में डी राहुल वेंकट को हटा दिया गया। अब इस बात की चर्चा पूरे रायगढ़ में हो रही है।

रायगढ़ से ही हो रहा है काम –

सारंगढ़ के सारे क्रशर संचालक अभी भी रायगढ़ जिले पर ही निर्भर हैं। एक-एक कर सबको रॉयल्टी जारी की जा रही है। कुछ क्रशर संचालक तो महीनों से बिना टीपी ही काम कर रहे हैं। पहले खनिज विभाग में तबादले, इन्कम टैक्स रेड और ईडी छापों ने खनिज विभाग को हिलाकर रख दिया है।

कलेक्टर डॉ फरिहा आलम को हल्के मे ना लें मफ़िया और भ्रस्ट जनप्रतिनिधि –

कलेक्टर फ़रिहा आलम की कार्यशैली की चर्चे जांजगीर चांपा जिले मे आए दिन सुर्खियों मे रहती थी, जिस तरह उन्होंने सरकारी योजनाओं को धरातल आए शत प्रतिशत पहुंचाने की कोशिश की वो काबिले तारीफ है। पंचायती राज को अपडेट और दुरुस्त करने के कार्य से प्रदेश के मुखिया भी प्रभावित थे इसलिए उन्हे सारंगढ़ कलेक्टर का दाईत्व सौंपा गया। सारंगढ़ मे आते ही जिस तरह कलेक्टर मैडम द्वारा स्कूल और अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया सरकारी तंत्र के सांस फूल गए हैं। किसी भी जगह और वातावरण को परखने 2 से 4 माह लगते हैं नवीन कलेक्टर को भी वस्तुस्थिति की जानकारी लेने मे लगेगा। लेकिन सिस्टम से जुड़े लोगों की मानें तो कलेक्टर फरिहा आलम एक ऐसी महिला शक्ति हैं जो माफियाओं और भ्रस्टाचारीयों के लिए बीस ही साबित होंगी। अर्थात सादे शब्दों मे कहें तो माफियाओं का सामना अब एक सज्जन और ईमानदार कलेक्टर के बदले तेजतर्रार और ईमानदार कलेक्टर से होगा।

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