रायगढ़: किसानों के लिये नहर बना मुसीबत, खड़ी धान की फसल को भीगते देख रो रहे किसान, शिकायत हुई पर कार्रवाई शून्य….

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रायगढ़। खेत में तैयार खडी धान की फसल पर नहर का पानी घुसने के कारण लैलूंगा नगर के किसानों को रोना आ रहा है। जल संसाधन विभाग ने जैसे उनके पेट पर लात मार दी हो। विशेष बात यह है कि नहर का पानी रोकने के लिये बार-बार शिकायत के बावजूद अब तक नहर का पानी नही रोका गया है। जिसके कारण क्षेत्र के किसान निराश व आक्रोशित हैं।

इन दिनों नगर के किसानों ने जहां बारिश की अति देखी वही अपनी खड़ी पकी फसल पर नहर के पानी को देख किसानों की माथे पर परेशानी देखी जा सकती है। कई किसानों ने तो अपनी फसल काट कर करपा खेत में सुखाने को छोड़ रखा था। अब पानी ने उनकी पूरी फसल को भीगा दिया है। अब भीगी फसल के नष्ट होने के साथ साथ धान उपार्जन केन्द्र में समर्थन दर से खरीदे जाने में शंसय उत्पन्न हो रहा है। अब इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा क्या फसल बीमा का लाभ इन किसानों को दिया जाएगा या जलसंसधान विभाग से इन किसानों को नुकसान की भरपाई कराई जावेगी। एक दिन बंद करने के बाद पुनः नहर में पानी छोड़ दिया गया है।बार बार स्थानीय इंजिनियर को फोन लगाने से कोई जवाब नही दिया जा रहा है।प्रभारी एसडीओ भी लैलूंगा कार्यालय में कभी उपस्थित नहीं होते है। पूर्व में ग्रीष्म ऋतु में नहर मरम्मत के नाम पर किसानों ने फसल नहीं कमाई थी पर नहर का मरम्मत कार्य किसी भी तरह से नहीं हुआ। तत्कालिक एसडीएम ने जल संसाधन विभाग में किसानों की बैठक ले कर विश्वास दिलाया था की इस गर्मी में नहर की मरम्मत अवश्य हो जाएगी सभी किसान इस हेतु फसल ना कमाने का निर्णय लिया था।पर जलसंसाधन विभाग ने आज तक नहर मरम्मत नहीं कराया। स्थानीय इंजीनियर के कार्यप्रणाली से लैलूंगा के किसानों में रोष व्याप्त है।फोन करने से फोन रिसीव नहीं करते है। जिसके कारण किसानों में अब उग्र आंदोलन की स्थिति निर्मित होने लगी है।

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