प्रदूषण विभाग को ठेंगा दिखाकर संचालित हो रहा है महालक्ष्मी क्रेशर..!गुडे़ली के महालक्ष्मी क्रेशर पर माइनिंग विभाग क्यों नहीं कर रही कार्यवाही? राजनीतिक पकड़ या चढ़ावे का मिल रहा फायदा..!

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जगन्नाथ बैरागी

रायगढ़ । सारंगढ़ क्षेत्र के गुडेली में क्रेशर मालिक का मनमौजी थमने का नाम ही नहीं ले रहा है । माइनिंग विभाग तो गाड़ियों पर कार्यवाही कर रही है लेकिन इस क्रेशर में अवैध तरीके से गिट्टी डंप पड़ा हुआ है इसको क्यों नहीं ध्यान दे रहा है , यह हमारे समझ से परे है । गुडेली के महालक्ष्मी क्रेशर में अवैध तरीके से गिट्टी डंप है । इनकी खदान की बात करें तो छोटा सा ही गड्ढा है । अब समझ से परे है कि यहां से इतना पत्थर कहां से आया , ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह अवैध खदानों का पत्थर लेकर क्रेसिंग करके शासन को लाखों करोड़ों की चुना लगाने के लिए बैठे हैं । आगे तो माइनिंग विभाग जांच करेगा तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा लेकिन माइनिंग विभाग जांच क्यों नहीं कर रहा है ? माइनिंग विभाग को यहां जाकर जांच करना चाहिए क्या यह सही में एक वैध का पत्थर डंप कर रखा है या अवैध तरीके से लेकर रखा है ।

वही प्रदूषण विभाग की बात करें तो लगता है प्रदूषण विभाग तो सो ही रहे हैं , क्योंकि इनके चारों ओर को तो खुला छूट दे रखे हैं इसीलिए तो इनका जाली भी ढका नहीं है और गांव वाले डस्ट से परेशान हैं । लोटो कंपनी में दर्जनों क्रेशर हैं लगभग सभी क्षेत्रों में नियमों का पालन कर रहे हैं लेकिन महालक्ष्मी क्रेशर प्रदूषण विभाग को ठेंगा दिखाते हुए काम कर रहा है ।

माइनिंग विभाग हाथ धरे हुए बैठे हैं । कहीं महालक्ष्मी क्रेशर का राजनीतिक पहुंच तो नहीं है , इसीलिए तो महालक्ष्मी क्रेशर में साहब आने के लिए इनके हाथ खुल जा रहे हैं इसीलिए तो इस क्रेशर पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं , जिसमें बहुत सारे अनियमितता है वह क्रेशर संचालित हो रहा है ।

अपने आपको मंत्री का आदमी कहते हैं और अवैध तरीके से क्रेशर चलाते हैं । इस पर माइनिंग विभाग क्यों मेहरबान हैं ? इस क्रेशर के मालिक तो अपने आपको मंत्री भी समझ बैठा है , कहते हैं कि कांग्रेस सरकार गरीब दुखियों की सरकार है लेकिन यहां तो सरकार को ही लुटा जा रहा है और मुख दर्शन बनकर माइनिंग विभाग देख रहा है । ऐसा लगता है कि इनकी क्रेशर में जाने के लिए माइनिंग विभाग को तो डर ही लगता है ,क्योंकि आज तक कार्यवाही के नाम पर इस क्रेशर के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही हो रही है । इस क्रेशर में कार्यवाही भी कैसे करें यहां के क्रेशर मालिक तो मंत्री का आदमी हूं कहकर मंत्री को भी बदनाम करने में लगा है । यहां के क्रेशर माफिया शासन सरकारी तनख्वा लेते हैं । इस पर भी गौर कीजिए अगर इनके क्रेशर में जाकर चेक करेंगे तो सभी को पता चल जाएगा कितना यहां पर झोलझाल है ।
सिर्फ अब रायगढ़ कलेक्टर भीम सिंह पर निगाहें टिकी हुई है , इस पर क्या कार्यवाही करते हैं या फिर माइनिंग विभाग खानापूर्ति कर इसको छोड़ देते हैं या राजनीतिक दबाव में आकर इस क्रेशर वाले को बक्श दिया जाता है अब तो आगे देखने वाली ही बात होगी ।

अगर इनकी खदान की बात किया जाए तो यहाँ छोटा सा गड्ढा ही करके रखें हैं और इतना दिन से इतना रॉयल्टी निकाल कर रखे हैं कि उसकी बात ही निराली है । रॉयल्टी निकालकर सिर्फ उसको कंपनियों में बेचने का काम कर रहे हैं । पत्थर तो अपने खदान से निकालते ही नहीं है तो कहां से आ गया इतना रॉयल्टी और पत्थर । यह हमारे समझ से परे है , इसकी भी जांच माइनिंग विभाग को करना चाहिए ।

सूत्रों की मानें तो सारंगढ़ के विधायक विधानसभा में विधान सत्र के दौरान सवाल भी उठा चुके हैं कि अवैध खदान पर क्यों कार्यवाही नहीं हो रही है ? यहां उनकी ही सरकार है और यह क्रेशर मालिक कहता फिर रहा है कि मैं मंत्री का आदमी हूं । भूपेश सरकार को चूना लगाने वाले और मंत्री का नाम खराब करने वाले ऐसे जनप्रतिनिधियों को तो पार्टी में रहना ही नहीं चाहिए । क्रेशर मालिक बोलता है कि अगर ज्यादा बोलोगे तो कोर्ट में घसीट लूंगा और साथ ही पुलिस थाना में अंदर करवा दूंगा ऐसा दूसरे लोगों को धमकी दे रहे ऐसे हमारे सूत्र बता रहे हैं ।

इनके क्रेशर में कहीं पर भी नाम बोर्ड भी लगा हुआ आपको नहीं मिलेगा, क्योंकि सरकार तो इनकी है और मंत्री भी इनके हैं । ऐसा ये खुद बताते हैं , क्या इनके लिए नियम कायदे नहीं हैं ? नियम कायदे को अपने जेब में रखने वाले क्रेशर माफियाओं पर माइनिंग विभाग क्यों ध्यान नहीं दे रहा है ? क्या दूसरों के इशारों पर ही माइनिंग विभाग कार्यवाही करेगी और इनको छोड़ देगी? ऐसा कौन सा नियम में लिखा हुआ है । फिर हाल तो आगे जांच का विषय है माइनिंग विभाग आगे जांच करेगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा ।