सारंगढ़ नगरपालिका क्षेत्र की हर गरीब बेटियों को मिले उच्च शिक्षा, तभी होगा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा सफ़ल- सोनी अजय बंजारे

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जगन्नाथ बैरागी

रायगढ़/सारंगढ़ : आज भी समाज में स्त्रियों को द्वितीय श्रेणी का नागरिक माना जाता है। उनको पुरुष के समान स्थान तथा महत्त्व आज भी प्राप्त नहीं है। उसे बचपन से वृद्धावस्था तक परम्परागत घर–गृहस्थी के काम करने पड़ते हैं।

अब बालिकाओं को स्कूलों में पढ़ने जाने का अवसर मिलने लगा है, परन्तु काफी महिलाएँ शिक्षा से अब भी वंचित हैं। शिक्षा के अभाव में स्त्रियाँ आगे नहीं बढ़ पाती और समाज में अपना अधिकार तथा स्थान प्राप्त नहीं कर पाती।

नारियों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यकता है- शिक्षित बनने की। शिक्षा ही महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा कर सकती है। शिक्षित होने पर ही उनमें किसी क्षेत्र में सफलतापूर्वक काम कर सकने की क्षमता विकसित हो सकती है।

घर के बाहर जाकर काम करने के लिए ही नहीं घर में परिवार के दायित्वों का निर्वाह करने के लिए भी शिक्षित होना बहुत सहायक होता है शिक्षित महिला अपने बच्चों का मार्गदर्शन अच्छी तरह करके उनका तथा देश का भविष्य सँभाल सकती हैं।

यद्यपि महिलाएँ प्रशासन, शिक्षण, चिकित्सा विज्ञान, राजनीति आदि क्षेत्रों में आगे आई हैं और अच्छा काम किया है। वे पुलिस और सेना में भी काम कर रही हैं किन्तु उनकी संख्या अभी बहुत कम है। शिक्षा के अवसरों के विस्तार से विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपस्थिति नि:संदेह बढ़ेगी।

सारंगढ़ में बालिका शिक्षा पर देना होगा ज़ोर-

सोनी अजय बंजारे आगे कहती हैं कि सारंगढ़ में यूं तो बेटे-बेटियों में भेदभाव कम है, लेकिन जिस स्तर की उच्च शिक्षा बेटों को प्राप्त है उस स्तर की शिक्षा बेटियों को भी मिलना नितांत आवश्यक है। इसके लिए माता-पिता के अलावा सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी आगे आना पड़ेगा। अगर एक निर्धन और कमज़ोर घर की बेटी पैसे के अभाव में उच्च शिक्षा से वंचित होती है तो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना से लोगों का विश्वास उठने लगेगा, जो कि भारतीय समाज के लिए सही नही होगा..
अगर एक सम्पन्न व्यक्ति किसी एक गरीब बेटी को पढ़ाने का भार उठा ले तो न सिर्फ सारंगढ़ का नाम होगा अपितु उन्हें बालिका सहित गरीब मा-बाप का आशीर्वाद भी मिलेगा।
शिक्षा से ही महिलाएँ शक्ति अर्जित करेंगी। शिक्षित और सशक्त महिलाएँ देश और समाज को भी शक्तिशाली बनाएँगी। इसके लिए सारंगढ़ नगरपालिका क्षेत्र में महिलाओं के लिए शिक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए।

सारंगढ़ विधायक और जनपद अध्यक्ष हैं महिलाओं के लिए रोल मॉडल-

सारंगढ़ के लोकप्रिय विधायक उत्तरी गणपत जांगड़े और जनपद अध्यक्ष मंजू मालाकार एक महिला होकर भी जिस तरह अपने कर्तब्यों का निर्वहन करती हैं अनुकरणीय है। एक महिला को घर-परिवार के साथ राजनीति मे भी समय देना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन जिस तरह दोनो अपने समस्त कार्यों का संचालन बेहतरी के साथ करते हैं काबिलेतारीफ है। जिन्हें देखकर सारंगढ़ की कई महिलाएं समाजिक बेड़ियों को तोड़कर आगे आना चाहती हैं। जिस तरह महिलाएं अपने किचन को बेहतर तरीके से सम्भाल सकती हैं तो उच्च शिक्षा पाकर और उचित समय आने पर शहर क्या पूरे देश को भी सम्हालने योग्य हैं।

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