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फैमिली टाईम्स: शोशल मीडिया पर कितनी सुरक्षित हैँ हमारी बेटियां, 50 % से अधिक लड़किया हो रही हैँ शिकार ! प्रत्येक माता पिता दें इन 4 बातों का ख़याल…

सोशल मीडिया से वैसे तो आज के दौर में कोई दूर नहीं रह सकता है। यंग होते लड़का और लड़की में इसका क्रेज ज्यादा देखने को मिलता है। वहां वो अपनी मन की कर सकते हैं। लेकिन क्या सोशल मीडिया किशोर होते बच्चों के लिए खासकर लड़कियों के लिए सुरक्षित है। एक सर्वे में पता चला है कि करीब 50 प्रतिशत से ज्यादा बच्चियां सोशल मीडिया पर उत्पीड़न या दुर्व्यवहार का शिकार हो चुकी हैं। जो उनके मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा असर डालते हैं। आइए नीचे जानते हैं कि सोशल मीडिया अलग-अलग उम्र में लड़कियों को कैसे प्रभावित करती हैं और माता पिता को किन 4 बातों का ख्याल रखना चाहिए…

सोशल मीडिया पर लड़कियां कितनी सुरक्षित हैं इसे लेकर प्लान इंटरनेशनल संस्था ने एक सर्वे किया। जिसमें भारत , स्पेन, थाइलैंड और अमेरिका समेत 22 देशों के लड़कियों को रखा।

संस्था ने 15 साल से 25 साल की 14,000 लड़कियों पर सर्वे किया। इस सर्वे में पता चला कि हर पांच में से एक लड़की का सोशल मीडिया पर उत्पीड़न की शिकार हुई हैं। फेसबुक पर सबसे ज्यादा लड़कियां उत्पीड़न और दुर्व्यवहार की शिकार हुईं हैं। 39 प्रतिशत लड़कियां फेसबुक पर, 23 प्रतिशत लड़कियां इंस्टाग्राम पर, 14 प्रतिशत व्हाट्सएप पर और 9 प्रतिशत लड़कियां ट्विटर पर उत्पीड़न का सामना की हैं।

मनोवैज्ञानिक और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University) के शोध के लेखक डॉ. एमी ओरबेन का कहना है कि कम उम्र की लड़कियों का जीवन सोशल मीडिया की वजह से प्रभावित हो सकता है। वो मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्या का शिकार हो सकती हैं।

एक और शोध में सामने आया कि अलग-अलग उम्र में सोशल मीडिया बच्चों के मेंटल हेल्थ को प्रभावित करते हैं। जिन लड़कियों ने 11 से 13 साल की उम्र के बीच सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताया, वह एक साल बाद अपनी लाइफ से कम संतुष्ट थीं। सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताने से लड़कियों में डिप्रेशन की समस्या बढ़ गई थी। हालांकि लड़कों पर उतना प्रभाव नहीं पड़ता है जितना की लड़कियों पर।

सोशल मीडिया को लेकर बच्ची दें जानकारी

माता-पिता को वैसे तो जब बच्चे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने लगे तो उनपर नजर रखना चाहिए। लेकिन बच्चियों को लेकर उनका कंसर्न ज्यादा होना चाहिए। लड़कियों का नेचर काफी सॉफ्ट होता है। इसलिए उन्हें जब कोई झटका लगता है तो उसे लेकर वो परेशान हो जाती हैं। तो माता-पिता को जो सबसे पहला काम करना चाहिए वो अपनी बेटियों को सोशल मीडिया के बारे में बताए। क्योंकि उन्हें आप जबरदस्ती जाने से रोक नहीं सकते हैं। लेकिन उनके साथ बातचीत करें और सोशल मीडिया का इस्तेमाल किसी उम्र से करना चाहिए और कितना करना चाहिए उसके बारे में सही जानकारी दें।

माता-पिता अपनी बच्चियों के साथ रहें दोस्ताना

माता-पिता को चाहिए कि वो अपनी बेटी के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त गुजारे। उससे हर मुद्दे पर चर्चा करें। क्योंकि जब बच्चे बड़े होते हैं तो हर चीज जानने के लिए उत्सुक होते हैं। इसलिए उनसे हर मुद्दे पर खुलकर बात करें। जब आप उनके साथ ज्यादा वक्त गुजारेंगे तो वो सोशल मीडिया से दूर रहेंगे।

बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट पर रखें नजर

अगर आपकी बेटी का सोशल मीडिया अकाउंट हैं तो उसपर नजर रखें। अगर उसके साथ कुछ गलत हो रहा है तो बात करें। उसे बताए कि सोशल मीडिया पर क्या पोस्ट करना है और क्या नहीं। क्योंकि बढ़ती उम्र की लड़कियां ऑपोजिट सेक्स की तरफ आकर्षित होती हैं। वैसे में सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा पोस्ट कर देती हैं जो उन्हें उत्पीड़न का शिकार बना सकती हैं।

बच्चों के भाव को करें नोट

अगर आपकी लाडली परेशान, चिड़चिड़ी या फिर खोई-खोई दिख रही है तो खुलकर बात करें। हो सकता है वो ऑनलाइन उत्पीड़न की शिकार हुई हो । अगर मामला नहीं संभलता है तो मनोवैज्ञानिक के पास लेकर जाएं।

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