आवारा कुत्तों से शहरवासी परेशान…आर्थिक क्षति के साथ स्कूली बच्चों को काटने दौड़ा रहे कुत्ते…

रायगढ़। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ रहा है। मुख्य सड़कों से लेकर गली-मोहल्लों तक कुत्तों के झुंड दिखाई देते हैं। कुत्ते काटने के मामले भी आये दिन सामने आ रहे हैं। निगम स्तर से कुत्तों को पकड़ने और इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कोई काम नही कर रहे है, इससे लोग परेशान हैं।
शहर का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां पर आवारा कुत्ते परेशानी का सबब न बने हों। कुत्तों के झुंड को देखकर दिन में भी लोग अकेले घर से बाहर निकलते हुए डरते हैं। रात में एक तरह से सड़कों पर कुत्तों का राज हो जाता है। बाइक सवार के पीछे दौड़ पड़ते हैं। राह चलते लोगों को भी काटने के लिए दौड़ते हैं। कुछ कुत्तों का शिकार बनते हैं तो कुछ इनसे बचने के चक्कर में घायल हो जाते हैं। आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लेकिन न तो इन्हें पकड़ने का कोई इंतजाम है और न ही नसबंदी करने का काम अभी चल रहा है।
नसबंदी के नाम पर महज
खानापूर्ति-
नगर निगम की टीम के द्वारा कुछ दिनों पूर्व आवारा कुत्तों को पकड़कर नसबंदी करने की कार्रवाई की जा रही थी जो अभी बंद है। निगम कमिश्नर ने बताया कि अभी कुछ दिनों के लिए कुत्तों की नसबंदी को होल्ड किया गया है। ठंड के बाद पुनः कुत्तों की नसबंदी योजना चलाया जाएगा।
कुत्तों के संभोग समय के बाद हुई नसबंदी का काम–
निगम द्वारा नसबंदी का काम कुत्तो के संभोग के समयावधि के बाद की गई है जिससे अभी के समय में हर गली मोहल्लों में कुत्ते के पिल्ले अधिक संख्या में देखने को मिल रहे हैं जो आने वाले दिनों में बड़े होकर आतंक को और बढ़ावा देंगे।
कुत्तों के आतंक से परेशान कसेरपारा-
शहर के वार्ड नंबर 23 कसेरपारा में इन दिनों कुत्तों का आतंक बढ़ चढ़कर बोल रहा है। अवारा कुत्तों के द्वारा लोगों के गाड़ियों के सीट कवर, पाइप, जूते-चप्पल को काट कर आर्थिक क्षति पहुंचा रहे हैं. इस मोहल्ले में एक बड़ी समस्या यह भी है कि यहां एक स्कूल संचालित है जहां पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों को भी कुत्ते दौड़ाने लगे हैं जिसे वे भी सहमे हुए हैं।
कुत्तों की संख्या को नियंत्रण करने के लिए नसबंदी के अलावा और नहीं है कोई उपाय-
कुत्ते अगर आप को काट ले तो वह सही है परंतु आप अगर कुत्ते को मारेंगे तो यह अपराध है। क्योंकि हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि आप आवारा कुत्तों को जान से या अपाहिज करने दृष्टिकोण से भी उस पर वार नहीं कर सकते हैं। यहां तक यह भी कहा गया है कि आप कुत्तों को मोहल्ले से भी नहीं भगा सकते हैं।
आईपीसी की धारा 428, 429 और पीसीए एक्ट की धारा 11 के तहत गली के आवारा कुत्तों को मारना दंडनीय अपराध है। सरकार की नीति और एनिमल बर्थ कंट्रोल 2011 के तहत जिस क्षेत्र में इन आवारा कुत्तों का आतंक है, वहां इनकी नसबंदी के बाद उसे वापस भेजा जाएगा और इन्हें मारा नहीं जा सकता। हाईकोर्ट ने भी इसके बाबत निर्देश जारी किया है।
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