भर- भरकर खा रहे हो चिकन? तो देर होने से पहले दे-दो ध्यान, कहीं ये खींच ने ले आपके शरीर से प्राण! ये 10 हिस्से देते हैं मौत का पैगाम…

चिकन एक लोकप्रिय, सुलभ और किफायती मांस है जिसे दुनिया भर में बड़े चाव से खाया जाता है। यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत है और लाल मांस की तुलना में स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।
हालांकि, चिकन का हर हिस्सा खाने योग्य या सेहतमंद नहीं होता। कई बार स्वाद या परंपरा के चलते लोग ऐसे हिस्सों का सेवन कर लेते हैं जो स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक हो सकते हैं। आइए जानते हैं चिकन के किन हिस्सों से परहेज करना चाहिए और क्यों।
चिकन की स्किन (Chicken Skin)
बहुत से लोग चिकन की कुरकुरी स्किन को स्वादिष्ट मानते हैं, लेकिन यह हिस्सा अस्वास्थ्यकर वसा से भरपूर होता है। इसमें सैचुरेटेड फैट अधिक होता है, जो शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ा सकता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है। इसके अलावा, यदि स्किन को पूरी तरह से पकाया न जाए, तो इसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
चिकन गिज़र्ड (Gizzard)
गिज़र्ड, जिसे हिन्दी में ‘पोटली’ भी कहा जाता है, चिकन का पाचन अंग होता है। इसमें अक्सर चिकन द्वारा निगले गए छोटे पत्थर या कठोर कण हो सकते हैं। अगर इसे सही तरीके से साफ़ और पकाया न जाए तो यह बैक्टीरिया का स्रोत बन सकता है और इससे फूड पॉइज़निंग का खतरा हो सकता है।
चिकन नेक (Chicken Neck)
सूप और शोरबे में इस्तेमाल होने वाली चिकन नेक में बैक्टीरिया पनपने की संभावना अधिक होती है। इसकी दरारों और त्वचा के नीचे बैक्टीरिया छिपे रह सकते हैं। अगर इसे पर्याप्त तापमान पर लंबे समय तक न पकाया जाए, तो यह संक्रमण का कारण बन सकता है।
मुर्गे का सिर (Chicken Head)
कुछ पारंपरिक व्यंजनों में मुर्गे के सिर का उपयोग किया जाता है, लेकिन यह हिस्सा कीटनाशकों और दूषित चारे के कारण पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थों को जमा कर सकता है। इनके सेवन से शरीर में विषैले तत्व प्रवेश कर सकते हैं जिससे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
चिकन के पैर (Chicken Feet)
चिकन के पैर अक्सर ज़मीन के संपर्क में रहते हैं और इनकी त्वचा में गंदगी, बैक्टीरिया और अन्य दूषित तत्व जमा हो जाते हैं। हालाँकि कुछ लोग इन्हें उबालकर खाते हैं, फिर भी सही तरीके से सफाई न होने पर संक्रमण की आशंका बनी रहती है। इन्हें त्यागना अधिक सुरक्षित माना जाता है।
चिकन की आंतें (Chicken Intestines)
आंतें बैक्टीरिया और विषाक्त पदार्थों से भरी होती हैं। इन्हें पूरी तरह से साफ़ करना बेहद मुश्किल होता है। चाहे इन्हें कितनी भी बार धोया जाए, इनमें मौजूद सूक्ष्मजीव पूरी तरह से नष्ट नहीं होते, जिससे गैस्ट्रिक समस्याएं और फूड पॉइज़निंग हो सकती है।
अस्थि मज्जा (Bone Marrow)
अस्थि मज्जा का उपयोग हलीम जैसे व्यंजनों में किया जाता है, जो स्वादिष्ट और पोषक होता है। लेकिन अगर हड्डियों को ठीक से न पकाया जाए तो उनमें खून बचा रह सकता है, जिससे क्रॉस-कंटैमिनेशन और स्वास्थ्य जोखिम बढ़ सकता है।
चिकन लंग्स (Chicken Lungs)
चिकन के फेफड़े बहुत कम इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन कुछ पारंपरिक व्यंजनों में इनका उपयोग होता है। इनमें मौजूद परजीवी और बैक्टीरिया गर्मी से भी पूरी तरह से नष्ट नहीं होते। इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ इनसे पूरी तरह परहेज करने की सलाह देते हैं।
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