छत्तीसगढ़ के बस्तर में 66 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, 49 पर था 2.27 करोड़ रुपये से अधिक का इनाम…

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माओवादी आंदोलन को तगड़ा झटका देते हुए गुरुवार, 24 जुलाई को बस्तर संभाग के पांच जिलों बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर और सुकमा में कुल 66 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया.

इन आत्मसमर्पणों से राज्य की आंतरिक सुरक्षा को एक बड़ा बल मिला है. इनमें 27 महिलाएं भी शामिल थीं, और 49 नक्सलियों पर कुल 2.27 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था.

बीजापुर में सबसे अधिक आत्मसमर्पण

बीजापुर में 25 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जो किसी एक जिले में सबसे अधिक संख्या है. दंतेवाड़ा में 15, कांकेर में 13, नारायणपुर में 8 और सुकमा में 5 नक्सलियों ने हथियार डाले. इन सभी ने सुरक्षा बलों के समक्ष समर्पण किया और शांति की राह पर लौटने का संकल्प लिया.

माओवादी विचारधारा से मोहभंग

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली संगठन के भीतर लगातार असंतोष, आतंरिक कलह और निर्दोष ग्रामीणों पर हो रहे अत्याचारों से मानसिक रूप से टूट चुके थे. इसके अलावा, वर्षों से चले आ रहे खोखले आदर्श अब युवाओं को आकर्षित नहीं कर पा रहे हैं. कईयों ने सरकार की पुनर्वास नीतियों, खासकर ‘नियाद नेल्लनार’ योजना और ‘पूना मरघम’ कार्यक्रम की सराहना करते हुए समाज की मुख्यधारा में लौटने की इच्छा जताई.

दंतेवाड़ा में ‘लोन वर्राटू’ से 1,000 से ज्यादा नक्सलियों की वापसी

दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पण करने वाले 15 माओवादियों में 5 इनामी नक्सली भी शामिल थे. इनमें से दो बुधराम उर्फ लालू कुहराम (8 लाख) और उसकी पत्नी कमली उर्फ मोती पोतावी (5 लाख) – संगठन में ऊंचे पदों पर थे. दंतेवाड़ा एसपी के मुताबिक, 2020 में शुरू हुए ‘लोन वर्राटू’ अभियान के बाद से अब तक 1,020 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जिनमें 254 इनामी नक्सली हैं.

कांकेर और नारायणपुर में भी आत्मसमर्पण

कांकेर में आत्मसमर्पण करने वाले 13 नक्सलियों पर कुल 62 लाख रुपये का इनाम था. नारायणपुर में 8 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिन पर कुल 33 लाख रुपये का इनाम था. नारायणपुर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इनमें वट्टी गंगा उर्फ मुकेश, जो माओवादियों की उत्तर ब्यूरो तकनीकी टीम का प्रभारी था, शामिल है. उस पर 8 लाख रुपये का इनाम था.

राज्य सरकार देगी पुनर्वास

राज्य सरकार की नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को तत्काल 50,000 रुपये की सहायता राशि दी गई है. इसके साथ ही उन्हें पुनर्वास योजनाओं के तहत शिक्षा, रोजगार और सामाजिक पुनर्स्थापन की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी.

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