कतार रोपा से खरपतवार नियंत्रण मे होती है आसानी – रोहित पटेल पुसौर कृषि विभाग का कतार रोपा प्रदर्शन सम्पन्न…

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रायगढ़: धान खाद्य फसलों में प्रमुख फसल है। इसकी खेती प्राचीन काल से ही प्राय: विश्व के अधिकांश देशों में होती है। विश्व के 193 देशों के 114 देशों में धान की खेती की जाती है। छत्तीसगढ़ को यूँ तो धान का कटोरा कहा जाता है लेकिन आज भी कई किसान प्राचीन छिड़काव विधि से ही धान बुवाई करते हैँ, जिस पर उपसंचालक कृषि अनिल वर्मा के निर्देश पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी रोहित पटेल द्वारा धान बोने की उन्नतशील विधियों को ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के माध्यम से किसानो को कतार रोपा और एसआरआई विधि से रोपाई करने की समझाईस दिया जा रहा है। किसानों को उक्त विधि से तकनीक से न सिर्फ बीज की कम मात्रा एवं बीजड़ा तैयार होने में लगने वाला अधिक समय की बचत होती है, बल्कि पहले से प्रचलित विधि द्वारा धान की तुलना में अधिक उत्पादन भी प्राप्त होता है।

पुसौर एसएडीओ रोहित पटेल के कुशल नेतृत्व मे कृषि अधिकारी भरत पटेल ने झारमुडा मे किसान लाल कुमार पटेल पिता खुशी राम पटेल के खेत मे कटार रोपा विधि का प्रदर्शन कराया गया तथा किसानों को कतार रोपा से होने वाले फायदों की जानकारी दी गई।

क्या कहते है एसएडीओ पटेल

वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री पटेल ने किसानों को समझाईश देते हुए कहा बताया कि कतार में रोपाई के कारण खेती में खरपतवार नियंत्रण करने के लिए यंत्र का भी आसानी से इस्तेमाल किया जाता है, जिससे मिट्टी का उपरी भाग भुरभुरा एवं हल्का हो जाता है। इस विधि से एक साथ दो फायदा होता है। पहला यह कि खरपतवार नष्ट होने से फसलों एवं घास के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं रहता। दूसरा मिट्टी हल्का होने से जड़ को हवा भी पर्याप्त मिलता है, जिससे जड़ क्षेत्र में लाभदायक वायवीय जीवाणुओं को पनपने में सहायता मिलती है।

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