राजस्व अभिलेख में नाम सुधारनें के एवज में, तहसील कार्यालय में चल रही अवैध वसूली..? ग्रामीण ने लगाया गम्भीर आरोप…

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रायगढ़:- रायगढ़ जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र लैलूंगा के ग्रामीण इलाकों के गरीब तपके के आदिवासियों को इन दिनों लैलूंगा मुख्यालय के शासकीय कार्यालयों में अपने कार्य के लिए काफी प्रताड़ना झेलना पड़ रहा है। तहसील कार्यालय में बाबू गिरी का रौब दिखाने वाले बाबुओं को गरीब आदिवासियों की मजबूरी बिकाऊ लगती है। ऐसा ही ताजा मामला लैलूंगा के दूरस्थ अंचल में बसे ग्राम पंचायत,किलकिला निवासी यदुमणी पैकरा का है। जो राजस्व अभिलेखों में अपने भाई का नाम सुधरवाने के लगभग 20 दिनों से तहसील कार्यालय का चक्कर काट रहा है।

तहसील कार्यालय में पदस्थ बाबू कलेश प्रधान द्वारा आदिवासी युवक को विगत 20 दिनों से पैसे की मांग की जा रही है।यदुमणी ने बताया कि “उसके पिता की मृत्यु हो गई जिसके बाद वह अपने जमीन के ऋण पुस्तिका में अपने भाई जगत राम का गलत नाम दर्ज हो गया है। जिसे सुधार कर प्रेमानंद किए जाने के लिए लगातार चक्कर काट रहा है,पीड़ित द्वारा विगत 20 दिन पूर्व से तहसील कार्यालय लैलूंगा मे बकायदा आवेदन भी दिया गया है। तहसील कार्यालय में पदस्थ कलेश प्रधान नामक बाबू द्वारा काम करने की एवज में आदिवासी युवक से 5 हजार रूपए की मांग की जा रही है।” जिससे युवक लगातार प्रताड़ित हो रहा है। युवक ने बताया कि उसने 12 सौ रुपए पहले दे चुका है। लेकिन उक्त बाबू द्वारा पूरे पैसे देने पर काम करने की बात कही जा रही है।

शासकीय कार्यालयों में बाबू के द्वारा पैसे की मांग के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। क्या सरकार उन्हें वेतन नहीं देती…? यदि देती है, तो क्या उन पर उच्चाधिकारियों की कृपा रहती है। अब देखने वाली बात हो गई कि, लैलूंगा तहसील कार्यालय के बाबू पर कुछ अधिकारी किस प्रकार की कार्यवाही करते हैं।

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