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Mukhtar Ansari: इस गुरु को गुरुदक्षिणा देने के लिए मुख्तार ने उठाया था हथियार, फिर नहीं रुकी उसकी प्यास!

प्रतिष्ठित राजनीतिक खानदान से आने वाले माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के खौफ का अंत गुरुवार रात हो गया। कल यानी गुरुवार रात उसकी बांदा जेल में अचानक तबीयत बिगड़ी और फिर उसने दुनिया को अलविदा कह दिया।

माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का हुआ अंत

गोलियों की तड़तड़ाहट में सुकून पाने वाला मुख्तार दिल के दौरे से हमेशा के लिए शांत हो गया। दुनिया से जाते-जाते पीछे छोड़ गया अपना आपराधिक इतिहास। जिसे पढ़कर या सुनकर अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाएं।

हथियार अपने गुरु को गुरु दक्षिणा देने के लिए उठाया

डॉक्टर दादा के क्रिमिनल पोते मुख्तार ने पहली बार हथियार अपने गुरु को गुरु दक्षिणा देने के लिए उठाया। धीरे-धीरे दबंगई और खून की प्यास का नशा सिर पर चढ़ने लगा। इसके बाद उसने खुद ही अपने राजनीतिक खानदान के इतिहास पर कलंक लगा दिया।

आइए जानते हैं क्या है वो गुरुदक्षिणा का किस्सा? जिसने मुख्तार की बढ़ाई खून की प्यास…

बात है 80 के दशक की। जब मुख्तार कॉलेज लाइफ में था। माथे पर गुस्सा और विरासत में मिली खून में स्वतंत्रता सेनानी की गर्मी। पिता सुबहान उल्लाह अंसारी के अपमान का बदला लेने के लिए गांव के ही प्रभावशाली व्यक्ति सच्चिदानंद राय की हत्या करने की ठानी। इसके लिए सैदपुर कोतवाली क्षेत्र के मुड़ियार गांव निवासी गैंगस्टर साधु सिंह से मदद मांगी। साधु सिंह ने सच्चिदानंद राय को मरवा दिया। वक्त बीतता गया, साधु सिंह को मुख्तार गुरु मानने लगा।

साधु ने मांगी गुरुदक्षिणा में दुश्मन की लाश

अब वक्त आ चुका था कि साधु अपनी गुरु दक्षिणा मांग सके। साधु गाजीपुर में अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता था। इसलिए सैदपुर के पास बसे मेदनीपुर गांव में दबंग छवि वाले रणजीत सिंह को साधु रास्ते से हटाना चाहता था। साधु ने पूर्वांचल के लड़के मुख्तार को बुलवाया और रणजीत की लाश गुरुदक्षिणा में मांगी। साधु के अहसान के तले दबे मुख्तार ने भी इनकार नहीं किया।

मुख्तार ने फिल्मी तरीके से रणजीत सिंह की हत्या को अंजाम दिया। उसके घर की रेकी की। फिर रणजीत के पड़ोसी रामू मल्लाह से दोस्ती की। मुख्तार, राजू के घर आने-जाने लगा। इस बीच, मुख्तार ने राजू और रणजीत के घर की दीवार पर एक सुराख किया, जिसकी मदद से मुख्तार ने रणजीत को गोली मारकर गुरु दक्षिणा दी।

मुख्तार के खौफ ने कांपने लगी पूर्वांचल की धरती

वहीं, इस हत्याकांड के बाद पूरे पूर्वांचल में मुख्तार के खौफ की खबर आग की तरह फैल गई। कहते हैं कि रसूखदार मुछो पर तांव देकर अपनी 786 नंबर की ओपन जीप से जिस रास्ते मुख्तार गुजर जाए, लोग अपना रास्ता ही बदल देते थे। मुख्तार ने गुरु दक्षिणा देने के लिए, जो बंदूक हाथ में थामी, फिर कभी नहीं छोड़ी। खूनी खेल मुख्तार को रास आने लगा और धीरे-धीरे जुर्म की दुनिया का शहंशाह बन बैठा।

मुख्तार का कुनबे में किस पर कितने केस?

मुख्तार : 5 बार के विधायक। हत्या और हत्या के प्रयास समेत करीब 60 केस दर्ज। 6 मामलों में दोषी करार।
पत्नी अफशां: 9 केस दर्ज। पत्नी फरार।
बड़ा बेटा अब्बास अंसारी: 7 केस दर्ज। कासगंज जेल में बंद।
छोटा बेटा उमर: जालसाजी, अवैध कब्जे के आरोप। फरार।
बड़े बेटे अब्बास की पत्नी निखत अंसारी: अब्बास को जेल से भगाने का आरोप। जमानत पर रिहा।
मुख्तार का भाई अफजाल अंसारी: 6 से ज्यादा मुकदमे। बसपा सांसद भी है।

मुख्तार का फैमिली ट्री

मुख्तार अहमद अंसारी का बेटा सुब्हानउल्लाह अंसारी और बहू बेगम राबिया अंसारी। दोनों के तीन बेटे सिबकतुल्लाह अंसारी )(पत्नी जौहर फातम), अफजाल अंसारी (पत्नी फरहात अंसारी), मुख्तार अंसारी (पत्नी अफशां अंसारी)। सिबकतुल्लाह के तीन बेटे सुहेब अंसारी, सलमान अंसारी और सहर अंसारी। अफजाल की तीन बेटियां मारिया, नुसरत, नूरिया। मुख्तार के दो बेटे अब्बास और उमर अंसारी। बड़े बेटे अब्बास की पत्नी निखत अंसारी।

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