अब छत्तीसगढ़ में भी आधार, पैन नंबर और बैंकों से जुड़ेगा पंजीयन, नई तकनीक से रुकेगा फर्जीवाड़ा…

अचल संपत्तियों के पंजीयन के लिए राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली (एनजीडीआरएस) लागू होने से जमीन-जायदादों से जुड़े विवादित मामलों में कमी आने की संभावना है।
नई प्रणाली में आधार, पैन नंबर इंटीग्रेशन के साथ ही बैंकों से आनलाइन भुगतान की सुविधा मिलेगी। पंजीयन, राजस्व के साथ आयकर का जुड़ाव होने से किसी प्रकार के भ्रम पर संपत्तियों का खाका साफ्टवेयर पर तत्काल दिखाई देगा।
अधिकारियों के अनुसार, इससे जमीनों के फर्जीवाड़े के मामले में कमी आएगी। साथ ही, सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। संपत्ति के अधिकारी और स्वामित्व की जांच के लिए राजस्व विभाग के भुइंया साफ्टवेयर से इंटीग्रेशन किया गया है। पंजीयन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में प्रदेश के तीन शहरों में यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में संचालित किया जा रहा था।
इस पद्धति के माध्यम से धमतरी, अभनपुर और महासमुंद में 45,000 से अधिक दस्तावेजों का पंजीयन किया जा चुका है। दूसरे चरण में धमतरी व महासमुंद जिले के सरायपाली, बसना, पिथौरा, कुरूद एवं नगरी में 11 जनवरी से यह पद्धति लागू की गई है।
सभी केंद्रों में लागू करने की तैयारी
बीते दिनों राजधानी में अधिकारियों को हार्डवेयर उपकरणों के साथ नेटवर्किंग के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। ई-पंजीयन प्रणाली के लिए कंपनी के साथ अनुबंध समाप्ति होने की स्थिति में अब सभी पंजीयन दफ्तरों में एनजीडीआरएस साफ्टवेयर लागू करने की तैयारी तेजी से जारी है। नई प्रणाली के संबंध में दस्तावेज लेखक,वकीलों के लिए भी साफ्टवेयर के संचालन के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाना है। नई तकनीक के अंतर्गत एनआइसी द्वारा सिर्फ साफ्टवेयर उपलब्ध कराया जाएगा, जबकि संसाधन व संचालन का दायित्व विभागों का होगा। वर्तमान में एनआइसी से प्रशिक्षण जारी है।
क्या है एनडीआरएस सिस्टम
एनजीडीआरएस प्रणाली वर्तमान में देश के 14 राज्यों में लागू है। केंद्र सरकार के भूमि संसाधन विभाग के तहत इसका साफ्टवेयर एनआइसी ने तैयार किया है। इस प्रणाली में सभी राज्यों का डेटा एनआइसी के क्लाइड सर्वर में सुरक्षित रूप से संधारित होता है। आम लोगों के लिए इस सिस्टम में आइडी-पासवर्ड की सुविधा हैं, जिसके माध्यम से वे आनलाइन भुगतान के साथ जमीनों के दस्तावेजों की जांच कर सकते हैं।
नई प्रणाली से आम लोगों को यह सुविधा मिलेगी
पंजीयन में लगने वाले समय में कमी आएगी।
आनलाइन अप्वाइंटमेंट, पेमेंट की सुविधा।
राजस्व विभाग के साथ इंटीग्रेशन होने पर विक्रयशुदा खसरे व मालिकाना हक की जांच।
पक्षकार द्वारा आनलाइन सभी जानकारी स्वत: प्रविष्टि किए जाने से त्रुटि की संभावना कम, दस्तावेजों की पर्याप्त जांच संभव।
पंजीयन की तारीख मोबाइल पर एसएमएस के द्वारा भेजने की सुविधा।
वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट एनजीडीआरएस डाट जीओवी डाट इन के सिटीजन पोर्टल में लाग इन के लिए यूजर मैनुअल।
आज से किया जा रहा लागू
राज्य के सभी पंजीयन कार्यालयों में एनजीडीआरएस सिस्टम लागू किए जाने की तैयारियां चल रही है। प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार, मार्च-2024 तक सभी कार्यालयों में इस प्रणाली से अचल संपत्तियों का पंजीयन किया जाएगा। 15 जनवरी से रायपुर में लागू किया जा रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत देश के 11 राज्यों में पंजीयन का कार्य जारी है।
धर्मेश साहू महानिरीक्षक, पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक
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