रायगढ़ मे अवैध कब्जाधारी कर रहे जलाशयों का अस्तित्व खत्म… जलाशय के जमीन की अवैध बिक्री फिर शुरु, नोटिस देकर भूले अफसर.. जमीन पर प्लाट काटकर बेचने का सिलसिला अब भी बदस्तूर जारी….

IMG_20230903_084251.jpg

अविभाजित मध्यप्रदेश के दिनों में बने कोकड़ीतराई जलाशय की जमीन पर अतिक्रमण का मामला दो साल से अधर में लटका है। पहले जल संसाधन विभाग ने राजस्व विभाग को पत्र लिखकर सीमांकन की मांग की थी। 100 से अधिक लोगों को नोटिस जारी किया गया था। इस कार्रवाई को डेढ़ साल बीत गए, लेकिन नोटिस जारी होने के बाद मामला अधर में लटका गया। यहां नहर की जमीन की खरीदी बिक्री आज भी चल रही है। कोकड़ीतराई जलाशय की जमीन को पाटकर प्लांट कांटकर औने पौने में दामों में बेचने का सिलसिला आज भी जारी है।

खत्म हो रहा जलाशय का अस्तित्व:

किरोड़ीमल नगर पंचायत से लगा कोकड़ीतराई जलाशय की जमीन पर कब्जा जारी है। जलाशय की जमीन में 150 से अधिक भवन बन चुके हैं। पिछली बार अतिक्रमण कारियों को नोटिस भेजा गया था। इसके बाद जमीन की खरीदी बिक्री करने वालों में हड़कंप मच गया। इधर जलाशय के आधे से ज्यादा हिस्से में कब्जा कर मोहल्ला बस गया है।

एफआईआर के दिए थे विभाग को निर्देश

इस संबंध में एसडीएम गगन शर्मा ने बताया कि इस मामले में तहसीलदार को जांच प्रतिवेदन दिया गया था। संबंधित विभाग को कब्जाधारियों को नोटिय जारी कर एफआईआर करने के निर्देश दिए थे।

मामले में डेढ़ साल पहले यह हुआ कोकड़ीतराई डेम पर अतिक्रमण का मामला भास्कर ने उजागर किया था। राजस्व रिकार्ड में जलाशय ही नहीं था, खबर के बाद जलसंसाधन विभाग से रिकार्ड लेकर राजस्व टीम ने अपडेट किया था। इसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। पहले संबंधित विभाग खुद ही अपने प्रयोजन के लिए जमीनों का अधिग्रहण करता था। अतिक्रमण कर मकान बनाने वालों का सर्वे और जमीन की खरीदी ब्रिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते पर चला गया।

नोटिस के बाद बढ़ गए जमीन का दाम स्थानीय निवासी ने बताया कि नहर के किनारे आधे से ज्यादा जमीन नजूल के साथ कुछ आदिवासी जमीन भी है। नोटिस डेढ़ साल पहले दी गई थी, इसके बाद मामला अटक गया। नहर की जमीन से लगी नजूल जमीन है। यहां आसपास के भूमाफिया ने घेरा लगाकर अतिक्रमण कर लिया है। पहले लोगों ने नजूल जमीन सस्ते में खरीद ली थी। अब माफिया डेढ़ से दो लाख रुपए डिसमिल तक वसूल रहे हैं। ये लोग ग्राहकों को विश्वास दिलाते हैं कि दो साल में प्रशासन ने कुछ नहीं किया तो आगे भी कुछ नहीं होगा।

Recent Posts