पंचायत नहीं तो वोट नहीं ! नगर पंचायत से अलग कर ग्राम पंचायत बनाने की उठी मांग….

विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बारसूर नगर पंचायत के छह वार्ड में नपं से अलग कर ग्राम पंचायत बनाने की मांग उठने लगी है। इस बार पंचायत नहीं तो वोट नहीं की बात ग्रामीण कर रहे हैं।
वार्ड क्रमांक एक ,दो, चार ,सात,आठ और नौ नंबर वार्ड बारसूर में ग्रामीण क्षेत्रों को ग्राम पंचायत बनाने की पिछले 15 सालों से मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि पांच किलोमीटर तक के गांवो को जबरन नगर पंचायत में शामिल किया गया है। बारसूर क्षेत्र के गुमड़पोट ,ठोठापारा , कलमभाटा ,गोडेलआमा, सल्फीकोंटा, टेमरुभाटा, मावलीगुड़ा,मंगलपोट गांव के लगभग हजारों ग्रामीणों ने चुनाव आते ही वोट का बहिष्कार करने की रणनीति बनाई है। ग्रामीणों ने कहा उनके गांवों में विकास की रौशनी से कोसों दूर है। यह सभी गांवों और नगर पंचायत कर टैक्स से परेशान होने की बात कह रहे है।
बीजेपी-कांग्रेस ने तोड़ा भरोसा
ग्रामीण बताते हैं कि तीन से चार विधानसभा चुनाव बीत गया लेकिन आज तक उनकी मांग कोई पार्टी ने पुरी नहीं की। पिछले चुनाव में कांग्रेस सरकार के भरोसा को देखते हुए दंतेवाड़ा में कांग्रेस की सरकार बनाने का वादा किया था। जीतने के तुरंत बाद पंचायत बनाने की लड़ाई लड़ने का वादा किया था पर यहां के कांग्रेस जनप्रतिनिधि ने भी सरकार बनते ही बारसूर ग्रामीणों के लोगों परेशानियां सुनने के बदले में अपनी चुप्पी साध रखी है। ग्रामीण भाजपा-कांग्रेस दोनों पर सिर्फ भरोसा दिलाने का आरोप लगा रहे है।
पंचायत नहीं बनने पर चुनाव का बहिष्कार
ग्रामीणों ने कहा नगर पंचायत से कोई फायदा नहीं है और हम गरीब लोग मजदूरी करके टैक्स भरते हैं। हमारे गांव विकास से पिछड़ा हुआ है। पिछले चुनाव में भी इन सभी गांवों के अधिकांश लोगों ने पिछले चुनाव में अपनी भागीदारी पंचायत बनाने को लेकर निभाई थी। बारसूर के इन गांवों को अब तक ग्राम पंचायत नहीं बनाने से ग्रामीणों में नाराजगी है। इस क्षेत्र से ही राजनीतिक दलों को जीत मिलती है ,लेकिन दोनों पार्टियां ने चुनाव के समय अपना काम निकालने के बड़े- बड़े वादे किए। पंचायत बनाने का वादा पूरा नहीं किया गया। ग्रामीणों ने यह भी कहा जहां सरकार आज चौमुखी विकास की बात करती है। वहीं इन सभी गांवों को पंचायत क्यों नहीं बना सकती। सभी ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि बारसूर के ग्रामीण क्षेत्रों, गुमड़पोट ठोठापारा,कलमभाटा गोडेलआमा, सल्फीकोंटा टेमरुभाटा, मावलीगुड़ा ,मंगलपोट सरकार जब तक पंचायत बनाने की घोषणा नहीं करती है तो चुनाव बहिष्कार किया जाएगा।
फिर गरमाई पंचायत बनाने की मांग
बचेली के 11 पारा के लोगों ने निकाय चुनाव के दौरान ग्राम पंचायत बनाने को लेकर नगरीय निकाय चुनाव का बहिष्कार किया था। बचेली के 11 पारा के लोग नवीन ग्राम पंचायत के गठन के बाद ही शांत हुए थे। नगरपंचायत बारसूर में 15 वार्ड है। छह पारा के लोग नगरपंचायत से अलग होने की मांग कर रहें है। बारसूर नगर पंचायत का गठन वर्ष 2008 में किया गया था। यहां की आबादी आठ हजार है। नगरपंचायत से अलग होने की मांग से अब एक बार फिर से राजनीति गरम हो गई है।
बारसूर नगर पालिका अध्यक्ष उमेश्वर पुजारी ने कहा, “ग्रामीण नगर पंचायत से अलग होने की मांग कर रहें है। वार्डों में विकास कार्य सड़क ,बिजली,पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचाई गई है। “
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