छत्तीसगढ़: कमीशनर ने तहसीलदार को और एसडीएम ने पटवारी को किया सस्पेंड, पढ़िए वजह….

छत्तीागढ़: कोरिया जिले के बैकुंठपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम चेर में खसरा नंबर 255/2 छोटे-बड़े झाड़ जंगल मद की भूमि के विषय में जन चौपाल में शिकायत प्राप्त होने पर जिले के अपर कलेक्टर से जांच कराई गयी.
जांच प्रतिवेदन में प्राप्त तथ्यों एवं दस्तावेजों के आधार पर तत्कालीन तहसीलदार बैकुण्ठपुर मनहरण राठिया दोषी पाया गया है. राठिया का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के सर्वथा विपरीत है.
आयुक्त सरगुजा संभाग ने मनहरण राठिया तत्कालीन तहसीलदार बैकुण्ठपुर वर्तमान में तहसीलदार जिला मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है. राठिया को निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी. निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जिला निर्वाचन कार्यालय मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर निर्धारित किया गया है.
पटवारी को भी किया गया निलंबित
भूमि खसरा नंबर 255/2 रकबा 0.6070 है. भूमि ग्राम चेर के मामले में शिकायत जांच के बाद दोषी पाये जाने पर कलेक्टर कोरिया के निर्देश के परिपालन में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (SDM) बैकुण्ठपुर ने हल्का नं. 10 पटवारी मो. शब्बीर को भी निलंबित करने का आदेश जारी किया. इस अवधि में उनका मुख्यालय अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय बैकुण्ठपुर में नियत किया गया है.
रिकॉर्ड के साथ किया गया छेड़छाड़
जारी निलंबन आदेश में अनुविभागीय अधिकारी रा. बैकुण्ठपुर द्वारा जारी आदेश में उल्लेख किया है कि उक्त भूमि ग्राम चेर बैकुंठपुर के खसरा में पूर्व में अहस्तांतरण शब्द प्रदर्शित था, जो खरीदी बिक्री में पंजीयन योग्य नहीं थी. रजिस्ट्री में प्रयुक्त बी 1 एवं खसरा में अहस्तांतरणीय शब्द को हटा दिया गया. वर्ष 1946-47 अभिलेख अनुसार उक्त भूमि तत्समय ख.नं. 255 छोटे बड़े झाड जंगल मद की थी. जिसमें से रकबा 0.405 है. भूमि सिंहदेव योजना अंतर्गत वर्ष 1971-72 में बाघराय धरकार को शासकीय पट्टे में प्रदाय किया गया, जो कि बाघराय के मृत्यु उपरांत उसके उत्तराधिकारी हरिराम व कृष्णा नायक के नाम पर राजस्व रिकार्ड में दर्ज हुआ.
इस कारण किया गया निलंबित
उक्त विवादित भूमि खसरा नंबर 255/2 रकबा बढ़ाकर 0.607 है. भूमि का नक्शा 259 के सामने दर्शाया गया. चौहद्दी बैंक से लोन के लिए उल्लेख होना चाहिए था, जो नही है. पूर्व में अवकाश पर गये पटवारी अवकाश तिथि के समाप्ति 26 नवंबर के बाद 29 नवंबर 2022 को पूर्व के पटवारी बाल्मिक मिश्रा के नाम पर भुईया पोर्टल में आईडी पुनः जनरेट किया गया और 29 नवंबर 2022 को आईडी में जनरेट किया जाना संदेहास्पद है. पटवारी द्वारा दुरभिसंधि कर शासकीय भूमि को निजी भूमि स्वामी हक में परिवर्तित कर दिया गया तथा निजी पक्ष को लाभ पहुंचाने के प्रयोजनाथ एवं शासकीय अभिलेख संरक्षक होते हुए भी शासन के पक्ष में संरक्षण करने के बजाय शासन को हानि पहुंचाई, जो सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3-1 से 3 तक का घोर उल्लंघन किये जाने के कारण निलंबित किया गया.
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