सारंगढ़ जनपद मे “राशन कार्ड” बनाने के नाम पर जनता से लूट..! सारंगढ़ जनपद मे ऑपरेटर की मनमानी से आम पब्लिक परेशान… आखिर किसके संरक्षण पर हो रहा जनपद मे भ्रस्टाचार..

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सारंगढ़: सरकार द्वारा गरीबों की सुध लेते हुए काफी लंबे समय से राशन की योजना को चलाया जा रहा है जिसका फायदा लेने के लिए व्यक्ति के पास राशन कार्ड होना चाहिए।राशन कार्ड बनवाने के बाद व्यक्ति को हर महीने सरकारी गल्ले अर्थात पीडीएस की दुकान से सस्ती कीमत पर राशन मिलता है।छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा कुल तीन प्रकार के राशन कार्ड को जारी किया जाता है। एपीएल, बीपीएल और अंत्योदय राशन कार्ड। गरीबी रेखा से नीचे जिंदगी व्यतीत करने वाले लोगों को बीपीएल, गरीबी रेखा से ऊपर जिंदगी व्यतीत करने वाले लोगों को एपीएल और अत्यंत गरीब लोगों को अंत्योदय राशन कार्ड दिया जाता है।

सारंगढ़ जनपद मे ऑपरेटर की मनमानी से आम जनता परेशान –

पहले राशन कार्ड बनवाने के लिए गवर्नमेंट ऑफिस के चक्कर काटने पड़ते थे परंतु अब आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर के वह राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसी उम्मीद मे सारंगढ़ की जनता जब जनपद मे राशन कार्ड बनवाने, नाम जोड़ने और हटाने के लिए आते हैँ तो उनको जनपद मे पदस्त कराये सीईओ साहब के ऑपरेटरों के पास चढ़ावा की आवश्यकता होती है! अगर मनमाफिक चढ़ावा नही मिलता तो ऑपरेटर उनके राशन कार्ड के पीडीफ को रोक देता है और यह कहकर जनता को गुमराह करता है कि हमने ऑनलाइन कर दिया वे लेकिन ऊपर से पीडीएफ को रोक दिया है।

फ्री राशन बनाने कि सरकार कि मंशा पर पानी फेर रहा कम्प्यूटर ऑपरेटर –
छत्तीसगढ़ कि कांग्रेस सरकार कि महत्वकांक्षा है कि कोई भी छत्तीसगढ़िया राशन से वंचित न रहे इसके लिए सभी जिलाधीशों को फ्री मे राशन काटद बनाने स्पस्ट निर्देश भी दिया गया है, लेकिन राशन जनपद के अधिकारी के नाम पर ऑपरेटर भ्रस्टाचार कि वीणा बजा रहा है और उसके चढ़ावे कि रकम से जनपद के अधिकारी नाज रहे हैँ।

पैसा दो तत्काल काम, वरना महीनों जनपद की चक्कर –

लोगों कि माने तो जनपद मे ऑपरेटर कि मनमानी इतनी बड़ गयी है कि इसे ना तो किसी जनता कि परवाह ना मीडिया का डर है। कथित अनुसार अगर कोई व्यक्ति इसे 2 हज़ार दे (जिसमे 1 हज़ार साहब के नाम से) तो तत्काल काम हो जाता तो, वरना पीडीएफ मे चढ़ाने के लिए महीनो जनपद मे चक्कर काटने को इस कदर मजबूर हो जाता है उससे बेहतर पैसे देकर राशन कार्ड बनवाने मजबूर हो जाता है।

जिसके संरक्षक नारायण वो “नारद” किससे डरे –

जब अधिकारी कि खास कृपा किसी कर्मचारी पर हो तब वो आम गरीब जनता से क्यों डरे? कुछ ऐसी ही घटना सारंगढ़ मे घट रही है। अमीरों को परवाह नही लेकिन गरीब जनता राशन कार्ड के लिए जनपद का चक्कर काट कर चप्पलें घिसने मजबूर हो जाती हैँ। क्योंकि उक्त ऑपरेटर कि मनमानी चरम पर है। उपर से अधिकारी कि गिशेष कृपाहस्त भी प्राप्त है, और लोगों कि मानें तो उल्टा एक्ट मे फंसाने की धमकी भी देता है। अब सोचना यहां है की इस भक्त रूपी नारद का नारायण आखिर कौन है जिसकी विशेष कृपा से इसकी मनमानी बड़ी है!

(खबर का होगा असर या और खुलेंगी परतें, पढ़िए अगले अंक मे)

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