खबर का असर: मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने भ्रष्टाचार खबर को लिया संज्ञान, तीन सदस्यी जनपद अधिकारियों की टीम गठित कर जांच के आदेश…पढ़िए सरपंच से सीधी बात पर क्या कहा….

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कैलाश आचार्य

रायगढ़ :-पुसौर विकासखंड अंतर्गत ग्राम कोतासुरा में सड़क मरम्मत के नाम पर हुए भ्रष्टाचार मामले की खबर प्रकाशित होने के बाद मुख्य पुसौर कार्यपालन अधिकारी पुसौर के द्वारा मामले को तत्काल संज्ञान में लिया और 3 सदस्यी जनपद अधिकारियों की टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं लेकिन खबर प्रकाशन की तत्कालीन तिथि में कर्मचारियों की हड़ताल चल रही थी, इसलिए जांच नहीं हो सकी किंतु मुख्यमंत्री की अपील के बाद कर्मचारी वापस काम पर लौट चुके हैं और जांच की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, हड़ताल के समय ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी के आदेश पर सेक्टर ऑफिसर ने ग्राम पंचायत कोतासुरा के रोकड़ पंजी एवं अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जप्त कर सड़क मरम्मत कार्य की फोटो वीडियो बनाकर सुरक्षित रख लिया हैं!

क्या कहते हैं सरपंच पति…

A- सवाल:- कोतासुरा सड़क मरम्मत हेतु पंचायत बैठक कब रखी गई और प्रस्ताव कब जारी हुआ तथा प्रस्ताव पत्र में कितने पंचों ने समर्थन दिया?
A-जवाब:- ……27/07/2022 दिनांक को सड़क मरम्मत हेतु बैठक रखी गई जिसमें 11पंच उपस्थित थे…

B-सवाल:- कोतासुरा में सड़क मरम्मत के नाम पर 15 वित्त से कितनी राशी निकाली गई? और कब?.. आहरण के पूर्व स्टीमेट बनाई गई थी या नहीं?
B- जवाब:-…….. लगभग कुल 120000 का आहरण किया गया,
तथा 50000 की कम राशि पर पर स्टीमेट का प्रावधान नहीं,

C- सवाल:- सड़क मरम्मत कार्य में कितनी (ट्रिप) में गिट्टी का उपयोग किया गया? तथा प्रति ट्रिप किस दर से गिट्टी की खरीदी की गई??…
C- जवाब:-……… सड़क मरम्मत के लिए पांच डंपर गिट्टी गिराई गई है, ₹450 प्रति टन के हिसाब से गिट्टी गिराई गई है, प्लस जीएसटी भी…

D- सवाल:- सड़क मरम्मत निर्माण कार्य एजेंसी का नाम, कार्य प्रारंभ करने की तारीख सहित कार्य कब पूर्ण हुआ दिनांक की जानकारी?…
D- जवाब:-….. निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत, कार्य प्रारंभ दिनांक ज्ञात नहीं है हरियाली त्यौहार के लगभग 20 दिन पूर्व काम शुरु हो गया था तथा वर्तमान में कार्य प्रगति पर है….

E- सवाल:- सड़क मरम्मत हेतु गिट्टी परिवहन में कब और कितने ट्रैक्टर कार्य किए तथा कितनी ट्रिप चक्कर लगाए? प्रति चक्कर किस दर से काम लिया गया?…
E-जवाब:-…… प्रति ट्रिप ₹700 की दर से हिसाब से भुगतान किया गया है दो ट्रैक्टरों के द्वारा परिवहन कार्य किया गया कुल टोटल दोनों ट्रैक्टर से 45 ट्रिप परिवहन 21000 भुगतान किया गया है!

F- सवाल:- सड़क मरम्मत मटेरियल गिट्टी का भुगतान कब और किस फार्म हुआ तथा कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया??..
F- जवाब:-….. सौम्या ट्रेडिंग को 45500 की दो किस्तों में टोटल 99000 का भुगतान किया गया था!

G- सवाल:- ट्रैक्टर भाड़ा प्रति ट्रिप किस दर से लगाया गया?, ट्रैक्टर द्वारा कार्य करने का दिनांक? तथा कुल कितने ट्रिप कार्य किया? तथा ट्रैक्टर भाड़े का भुगतान कब और कितनी राशि का भुगतान दिया??..
G- जवाब:- प्रति ट्रिप ₹700 की दर से हिसाब से भुगतान किया गया है दो ट्रैक्टरों के द्वारा परिवहन कार्य किया गया कुल टोटल दोनों ट्रैक्टर से 45 ट्रिप परिवहन किया गया!

H- सवाल:- किसी भी निर्माण कार्य में कार्य पूर्ण होने के बाद भुगतान किया जाता है अथवा कार्य पूर्ण होने से पहले??..
H- जवाब:- भवन निर्माण अथवा नव निर्माण कार्य में कार्य पूर्ण होने के बाद भुगतान किया जाता है किंतु गांव का सफाई अभियान, सड़क मरम्मत कार्य, पानी टंकी सफाई प्रकार की सफाई अथवा मरम्मत कार्य में कार्य के आधार पर भुगतान होता है!

I – सवाल:- सड़क मरम्मत कार्य में गिट्टी खरीदी और ट्रैक्टर भाड़ा भुगतान के पूर्व मरम्मत कार्य का भौतिक सत्यापन किसने किया?…
I – जवाब:- निर्माण कार्यों का सत्यापन किया जाता है, मरम्मत कार्यों में कार्य एजेंसी स्वयं कार्य का आकलन कर भुगतान करती है. पंचायत ने भौतिक सत्यापन कर ही भुगतान किया है!

J- सवाल :- आपके ऊपर यह आरोप है कि 50000 से अधिक राशि के भुगतान पर स्टीमेट की बाध्यता होती है, शायद इसलिए जानबूझकर प्रस्ताव प्रक्रिया की झंझट से बचने के लिए एक ही मालिक को गिट्टी का पैसा 49500-49500 दो बार में कुल 99 हजार का भुगतान किया गया है? साथ ही यह भी आरोप लगे हैं कि आपने निर्माण की पूर्व भुगतान किया है तथा भ्रष्टाचार उजागर होते ही डैमेज कंट्रोल करने के लिए आनन-फानन में भुगतान के बाद फिर से गिट्टी गिराई गई और सड़क मरम्मत किया गया है! आपका क्या कहना है??…
J- जवाब:- आरोप निराधार है, मटेरियल दो अलग-अलग सड़कों सहित गांव गली और गौठान रास्ते में मटेरियल का उपयोग किया गया है, कार्य अलग-अलग होने की वजह से भुगतान दो किस्तों में की गई! कार्य पूर्ण होने के पूर्व भुगतान के संबंध में आपको बताना चाहूंगा कि यह निर्माण कार्य नहीं है, मरम्मत कार्य है जिसमें भुगतान निर्माण के पूर्व एडवांस के रूप में भी देना पड़ता है! आहरण की गई राशि से बजरी गिट्टी, ईटा चुरा (रॉबिस्ट) तथा एक जगह गड्ढे में बड़े पत्थर ट्राली भी गिराई गई है, सड़क मरम्मत कार्य अभी भी पूर्ण नहीं हुआ निरंतर प्रगति पर है जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा!

बहरहाल सड़क मरम्मत कार्य में एक विशेष बात समझ नहीं आ रही आखिर जब भुगतान एक ही व्यक्ति को एक ही कार्य के लिए एक ही दिन करना था तो दो अलग-अलग किस्तों में 99 हजार क्यों भुगतान किया गया? वही अगर गिट्टी मटेरियल पूरा नहीं गिर पाया था तो भुगतान पूरा कैसे हो गया? 700 की दर से 45 ट्रिप का 21000 ट्रैक्टर भाड़ा क्यों??

हालांकि पंचायत के जनप्रतिनिधि एडवांस ने रुपए देने की बात कर रहे हैं मगर ग्रामीणों की बात करें तो उनका आरोप है कि ग्राम कोतासुरा के घोटालेबाज डैमेज कंट्रोल करने मे लगे हैं तथा खबर प्रकाशन के सरपंच – सचिव के द्वारा पंचायत के सड़क मरम्मत में हुए भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए भुगतान के पश्चात पुनः गिट्टी गिराई गई एवं अधूरे सड़क मरम्मत कार्य को पूर्ण दिखाने के लिए तेज गति से डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया गया है! अब यह देखना लाजमी होगा कि उपरोक्त भ्रष्टाचार की जांच कब पूर्ण होती है तथा जांच उपरांत कौन-कौन दोषी पाए जाते हैं और दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा!

*वर्जन-*
१.DSC को आज unaproove कर रहे हैं। भुगतान नहीं हो पाएगा।
२.कैश बुक को सेक्टर ऑफिसर कोतासुरा पंचायत से जप्त कर लिया है। हड़ताल से वापसी के बाद एसडीओ (res) , पीओ (नरेगा) , सेक्टर अधिकारी की तीन सदस्यीय टीम प्रकरण की विस्तार से जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
*महेश पटेल CEO*
*(मुख्य कार्यपालन अधिकारी पुसौर)*

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