धरमजयगढ़

उप स्वास्थ्य केंद्र में वर्षों से लटका हुआ है ताला…ग्रामीणों को नहीं मिल रहा स्वास्थ्य सुविधा का लाभ…बीमार परिवारों का हाल-बेहाल लेकिन उच्च अधिकारियों को नही है मलाल…?

जगन्नाथ बैरागी

रायगढ़ । सरकार की मंशा है कि ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा में कोई परेशानी न हो इसलिए कई प्रकार का उपाय प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। लेकिन धरमजयगढ़ स्वास्थ्य विभाग द्वारा शासन के इस योजना को धत्ता बताते हुए गेरसा के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा से वंचित किया जा रहा है। आपको बता दे कि ग्राम गेरसा में लगभग हर साल महामारी फैलता है और कई लोगों की जान भी जाते हैं। लेकिन इसके बाद भी गेरसा उप स्वास्थ्य केन्द्र में वर्षोंं से ताला लटके रहना समझ से परे हैं। आज से कुछ साल पहले गेरसा उपस्वास्थ केन्द्र में रीना मुक्ता नाम की एक आरएचओ महिला ड्यूटी कर रही थी। लेकिन आरएचओ महिला ने स्टाप नर्स की टे्रनिंग पर जाने के बाद से गेरसा उप स्वास्थ्य केन्द्र में किसी का पोस्टिंग नहीं किया गया है। रीना मुक्ता लगभग 2 साल से नर्स की ट्रेनिंग पर बाहर है। बताया जाता है कि बीएमओ डॉक्टर भगत द्वारा रीना मुक्ता की स्टाप नर्स की ट्रेनिंग जाने के तुरंत बाद एक महिला नर्स को गेरसा के लिए संलग्न किया था लेकिन पता नहीं क्या हुआ कि बीएमओ के आदेश के बाद भी गेरसा उप स्वास्थ्य केन्द्र में नर्स एक दिन झांकने तक नहीं गई।

10 दिन पहले गेरसा में फैला था उल्टी दस्त, कईयों को किया गया था अस्पताल में भर्ती

आज से लगभग 10 दिन पहले ग्राम गेरसा में उल्टी दस्त फैला था जिस पर स्वास्थ्य विभाग काबू तो पा लिया, लेकिन उप स्वास्थ्य केन्द्र में ताला लटके रहने के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। दिन में किसी का तबियात खराब होने से लोग धरमजयगढ़ तो ले आते हैं लेकिन रात में ग्रामीणों का तबीयत खराब होने पर जान जोखिम में डालकर रात गुजारना पड़ता है।

ग्रामीणों ने की मांग जल्द खुलवाये उप स्वास्थ्य केन्द्र का ताला, नहीं तो होगी आंदोलन?

उप स्वास्थ्य केन्द्र में ताला लगे रहने के बारे में जब ग्रामीणों से पूछा गया तो ग्रामीणों में धरमजयगढ़ स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश देखने को मिला। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से मांग किया है कि गेरसा उप स्वास्थ्य केन्द्र का ताला जल्दी खुलवाये और ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिलवाये, नहीं तो स्वास्थ्य सुविधा के लिए ग्रामीण आंदोलन करने को मजबूर होंगें।

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